सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच, फेक न्यूज, अपमानजनक टिप्पणियों और दूसरी गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने और सोशल मीडिया एकाउंट्स को आधार कार्ड से जोड़ने के लिए हाइकोर्ट में दाखिल सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो गयीं हैं, उन सभी याचिकाओं की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में ही होगी।

Hindustan Times की खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में 24 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि हमने सुना है कि सरकार सोशल मीडिया को पहचान पत्र से लिंक करने को लेकर गाइडलाइन लेकर आ रही है. यह बहुत जरूरी है, लेकिन निजता का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. इंटरनेट वाइल्ड वेस्ट की तरह है।

मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन (MeitY) ने सोशल मीडिया साइट्स पर रोक लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है। इस हलफनामे में कहा गया है कि इस मामले में कड़े नियम बनाए जाएंगे ताकि सोशल मीडिया को और बेहतर तरीके से संचालित किया जा सके और ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सुरक्षित और बेहतर बन सके।

सरकार ने कहा एक जटिल मामला है। इसका प्रभाव इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स समेत इसके शेयरधारकों पर पड़ेगा। इसलिए उसे नए नियमों को अंतिम रूप देने के लिए तीन महीने का समय चाहिए। हलफनामे को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को 15 जनवरी, 2020 तक का समय दिया है।

इस मामले में अगली सुनवाई अगले साल 15 जनवरी 2020 को होगी। इन तीन महीनों के दौरान सरकार को सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए नियम बनाने होंगे।

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