भारत के शीर्ष वकील हरीश साल्वे पेरिस ओलंपिक में पहलवान विनेश फोगट को अयोग्य ठहराए जाने से संबंधित मामले में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में विनेश फोगाट के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की ओर से पैरवी करेंगे। विनेश फोगाट ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील दायर कर संयुक्त रजत पदक दिए जाने की मांग की।

विनेश फोगाट ने दो मामलों में अपील की थी, पहली ये कि उसे फिर से वजन करने दिया जाए, जिसे CAS ने खारिज कर दिया और स्वर्ण पदक मैच निर्धारित समय पर हुआ था। दूसरी अपील थी कि उसे संयुक्त रजत पदक दिया जाए।

हरीश साल्वे, जो भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसल के रूप में कार्य कर चुके हैं, ने मीडिया को बताया कि उन्हें फोगट का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त किया गया है।

हरीश साल्वे ने नागपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है। उन्हें 1992 में दिल्ली उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किया गया था। उन्होंने नवंबर 1999 से नवंबर 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम किया।

हरीश साल्वे कई हाई-प्रोफाइल मामलों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें कुलभूषण जाधव का मामला भी शामिल है, जिन्हें जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। उन्होंने कुलभूषण जाधव की पैरवी करने के लिए केवल ₹ 1/-कानूनी फीस ली थी, और उनके इस कदम ने उन्हें बहुत प्रशंसा दिलाई थी।

CAS में मामले की सुनवाई स्थानीय समयानुसार सुबह 9:00 बजे (IST 12:30 बजे) ऑनलाइन शुरू होगी। अपील पर सुनवाई अमेरिका के माइकल लेनार्ड के नेतृत्व वाली एक तदर्थ समिति द्वारा की जाएगी। यह समिति विशेष रूप से ओलंपिक के दौरान मामलों को संबोधित करने के लिए पेरिस में स्थापित की गई

हरीश साल्वे द्वारा CAS में विनेश फोगाट मामले की पैरवी करने की ख़बर ने विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलने की करोड़ों देशवासियों के लिए एक उम्मीद पैदा कर दी है।

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