जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी अपने पूर्व छात्र और बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को डॉक्टरेट की मानद उपाधि देना चाहती थी, इस बाबत जब जामिया ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अनुमति मांगी तो मंत्रालय ने इसकी मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।

Hindustan Times के अनुसार जामिया मिलिया इस्लामिया ने 21 फरवरी 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा था, कि ‘भारतीय सिनेमा में शाहरुख खान का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है, वो हमारी यूनिवर्सिटी के सबसे प्रतिष्ठित छात्र रह चुके हैं, इन सब को देखते हुए जामिया उन्हें मानद डॉक्टरेट प्रदान करना चाहता है, इसके लिए शाहरुख खान की सहमति भी ली जा चुकी है।’

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार एपी सिद्दीकी की ओर से इस पत्र का 26 फरवरी को जवाब देते हुए मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा, ‘यह नहीं बताया गया है कि अवार्ड दिए जाने को लेकर सक्षम समिति की अनुमति है या नहीं. इसलिए विश्वविद्यालय के अनुरोध को नकारा जा रहा है।’

मंत्रालय के इस इनकार के बाद 14 मार्च 2018 को विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति बैठक में नियमानुसार शाहरुख खान को डॉक्टरेट दिए जाने के फैसले को मुहर लगा दी गई. कार्यकारी समिति विश्वविद्यालय से जुड़े फैसले लेने के लिए सबसे ताकतवर समिति मानी जाती है।

कार्यकारी समिति के फैसले के बाद 11 अप्रैल 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जामिया प्रशासन को एक पत्र लिख कर मना करते हुए कहा, ‘2016 में मौलाना आजाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का ओर से सिनेमा में शाहरुख खान के योगदान के लिए पहले ही डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की जा चुकी है। इसके लिए राष्ट्रपति और मंत्रालय ने अनुमति दी थी. 2014 के बाद से इस तरह का कोई रिकॉर्ड भी नहीं है जिसमें एक ही व्यक्ति को दो केन्द्रीय विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी गयी हो।’

मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम से एक ही व्यक्ति को अलग-अलग यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट दिए जाने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पॉलिसी के स्तर पर हम यह सही नहीं मानते हैं, साथ ही उन्होंने यह भी माना कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का इस पर कोई नियम नहीं है।

मगर सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से यह सही नहीं है, 2014 के बाद भी यह देखने को मिला है कि एक ही व्यक्ति को कई केन्द्रीय विश्वविद्यालयों से मानद उपाधि प्रदान की गई है।

भारत रत्न से सम्मानित वैज्ञानिक सीएनआर राव को 2015 में कश्मीर विश्वविद्यालय और 2016 में IIT कानपुर की ओर से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया था, प्रसिद्द कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी 2015 में पंजाब यूनिवर्सिटी और 2017 में IIT कानपुर की ओर से इस उपाधि से नवाजा जा चुका है ।

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