दुनिया में हर देश से कभी न कभी अपना वेतन बढ़ने के लिए विरोध प्रदर्शन की ख़बरें आना आम बात है, मगर एक ऐसी भी घटना हुई है जिसमें अपने बढे हुए वेतन के खिलाफ ही लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि उनका बढ़ा हुआ वेतन कम किया जाए, उन्हें पहले से ही काफी तगड़ी तनख्वाह मिलती है।

बात कनाडा की है जब 2018 को क्यूबेक में 600 डॉक्टर्स ने अपने बढे हुए वेतन के खिलाफ प्रचंड प्रदर्शन किया, उनकी मांग थी कि वो पहले से ही काफी वेतन ले रहे हैं, उनका बढ़ा हुआ वेतन कम किया जाए।

Washington Post की खबर के अनुसार इसी को लेकर 600 डॉक्टर्स, नागरिकों और मेडिकल स्टूडेंट्स ने क्यूबेक में अपने बढे हुए वेतन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ऑनलाइन पिटीशन भी दायर की जिसमें उनका वेतन रद्द करने की मांग की गई थी। क्यूबेक के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन Québécois Pour le Régime Public (MQRP) और सार्वजनिक स्वास्थ्य के पैरोकारों ने इस ऑनलाइन पिटीशन की शुरुआत की थी ।

इस ऑनलाइन पिटीशन में फ्रांसीसी में लिखा गया था कि : “हम, क्यूबेक डॉक्टर जो एक मजबूत सार्वजनिक प्रणाली में विश्वास करते हैं, हम हमारे मेडिकल फेडरेशनों द्वारा हाल ही में बढाए गए वेतन का विरोध करते हैं।”

अपना वेतन काम कराने के लिए आंदोलनरत इन सैंकड़ों डॉक्टर्स की दलील थी कि कनाडा में स्वास्थय सेवाओं में कार्यरत नर्सों, क्लर्कों और स्वास्थ्य कर्मियों को कम वेतन दिया जाता है, ये स्वास्थ्य कर्मी कम वेतन में बहुत काम सँभालते हैं और इन परिस्थितियों में उन पर दबाव भी रहता है, इस बढ़ाये गए वेतन को काम करके इस धन से इन स्वास्थ्य कर्मियों और स्वास्थ्य सेवाओं के मद में खर्च किया जाना चाहिए जिससे कि स्वास्थ्य सेवाएं उन्नत हो सके।

इसका एक कारण ये भी रहा है कि कुछ दिन पहले वहां की नर्सेज एसोसिएशन ने नर्सों की कमी के चलते कई बैठकें आयोजित की थीं और सरकार से अनुरोध किया था कि कोई ऐसा क़ानून लाया जिसमें ये निर्धारित हो कि एक नर्स कितने मरीज़ों को संभाल सकती है, इससे हमारी कार्यक्षमता पर भी असर पड़ेगा। और इस को लेकर एक नर्स एमिली रिचर्ड ने अपनी तकलीफ को फेसबुक पर भी शेयर किया था जो काफी वायरल हुई थी, उसमें उसने रोते हुए बताया था कि नाईट शिफ्ट में उसे एक साथ सत्तर मरीज़ों को संभालना पड़ा था, और इससे वो इतने तनाव में आ गयी थी कि वो अनिद्रा से पीड़ित हो गयी थी।

एमिली रिचर्ड ने क्यूबेक के स्वास्थ्य मंत्री गेटन बैरेट की आलोचना करते हुए कहा था कि “यह नर्सिंग का चेहरा है।” क्यूबेक के स्वास्थ्य मंत्री गेटन बैरेट ने हाल ही में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की कोशिशें की थी और उन्होंने इन सुधारों को सफल माना था। नर्स एमिली रिचर्ड का कहना था कि “वहाँ हमेशा डॉक्टरों के लिए फण्ड होता है मगर उन दूसरों का क्या जो रोगियों की अधिक देखभाल करते हैं ?” एमिली रिचर्ड की उस फेसबुक पोस्ट को उस समय 55,000 से अधिक बार शेयर किया गया था।

दरअसल कुछ माह पहले क्यूबेक के मेडिकल स्पेशलिस्ट्स के महासंघ ने सरकार के साथ प्रांत के 10,000 चिकित्सा विशेषज्ञों के वार्षिक वेतन में लगभग 1.4 प्रतिशत, या वर्तमान में 4.7 बिलियन डॉलर से 2023 में $ 5.4 बिलियन तक की बढ़ोतरी के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, पड़ोसी ओन्टेरियो में $ 367,154 के साथ तुलना में क्यूबेक में एक मेडिकल स्पेशलिस्ट का औसत वेतन पहले से ही ऊंचा है – $ 403,537 सालाना।

डॉक्टर्स के समूह MQRP की याचिका में कहा गया है, “केवल एक चीज जो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार ला सकती है वो है हमारी बढ़ी हुई सैलेरी, प्रधान मंत्री के बयानों के विपरीत हमारा मानना है कि हमारा ये विरोध क्यूबेक स्वास्थ्य सेवाओं के संसाधनों को सुधारने का एक तरीक़ा है और साथ ही अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को जायज़ सुविधाएँ देने और आम जनता को उन्नत स्वास्थय सुविधाएँ देने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारा इस बढे हुए वेतन के पैसे से मदद ली जाए।”

उधर क्यूबेक के स्वास्थ्य मंत्री बैरेट ने ऑनलाइन पिटीशन की बात सुनकर तुरंत ही इस मुद्दे पर बयान दिया कि अगर उन डॉक्टर्स को लगता है कि उन्हें ज़्यादा दिया जा रहा है तो वो बढ़ा हुआ पैसा मेज़ पर छोड़ सकते हैं मैं गारंटी देता हूँ कि मैं उन पैसों का अच्छा उपयोग करूंगा।

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