रविवार 29 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के मार्टिन चौक पर सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने CAA-NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें मोदी सरकार द्वारा अनुमोदित नवीनतम नागरिकता कानूनों (CAA) की निंदा की, वक्ताओं ने कानूनों को भेदभावपूर्ण बताते हुए इसकी आलोचना की, और साथ ही भारत में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस की कथित क्रूरता की भी निंदा की।
sbs.com की खबर के अनुसार इस विरोध प्रदर्शन में जसबीर मुस्तफा, नियाज कैनोथ, अली खान, हसन कुरैशी, मोहम्मद मोईदीन, सुरेश वल्लथ, नंदिता सुनेजा, मनोज गोरान, अब्बास रजा अल्वी, अश्विन थॉमस, एनी कांड्या के साथ स्थानीय पूर्व ग्रीन्स सीनेटर ली रियानोन भी शामिल थे।
इस्तीफा देने वाले कर्नाटक के IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन भी फोन पर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और प्रदर्शनकारियों के साथ अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद IAS पद से इस्तीफा देने के अपने कारणों को साझा किया।
प्रदर्शनकारियों की बड़ी भीड़ में सबा आब्दी और अली खान शामिल थे। दोनों ने वर्तमान नागरिकता कानूनों को “भेदभावपूर्ण और भारतीय संविधान के खिलाफ” करार दिया। उनका कहना है कि “संशोधित नागरिकता कानून (CAA) भी धर्म के आधार पर भेदभाव करने की मोदी सरकार की नीतियों की ही एक कड़ी है।”
सिडनी में जमा इन सैंकड़ों प्रदर्शनकातियों ने आरोप लगाया कि CAA के तहत केवल मुसलमानों को नागरिक बनने से रोका जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि आगे CAA को NRC के साथ लागू करने से मुसलमानों की नागरिकता कोअवैध बना दिया जाएगाऔर देश के इस सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह को भारतीय नागरिक से वंचित कर दिया जाएगा।
भारत में CAA और NRC के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने दुनिया का ध्यान खींचा है, 27 दिसंबर को यूनाइटेड स्टेट्स हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की एक प्रतिनिधि, डेबरा ऐनी हैलैंड ने सोशल मीडिया में बयान जारी कर नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (CAA) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाही पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
हैलांड ने अपने फेसबुक और ट्विटर टाइमलाइन में लिखा। “मुझे भारतीय प्रधान मंत्री मोदी के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बारे में गहरी चिंता है, जो धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करता है।”
I’m deeply concerned about Indian Prime Minister Modi's Citizenship Amendment Act which discriminates against religious minorities. Indian Muslims are being targeted based on how they worship. I urge PM Modi to rescind this law immediately. https://t.co/o2UYbY87SY
— Rep. Deb Haaland (@RepDebHaaland) December 27, 2019
हैलांड ने ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA) के मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए लिखा है कि “मैं पीएम मोदी से इस कानून को तुरंत रद्द करने का आग्रह करती हूं।”
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