29 अक्टूबर को लंदन में एक प्रेस कांफ्रेंस में मणिपुर राज्य केअलगाववादी नेता लेइशम्बा संजाओबा ने मणिपुर राज्य परिषद (Manipur State Council) का गठन करते हुए भारत से अलग होने की घोषणा की है। मणिपुर के असंतुष्ट राजनीतिक नेताओं ने मंगलवार को लंदन में कहा कि वे एकतरफा तौर पर भारत से आजादी की घोषणा कर रहे हैं और ब्रिटेन में निर्वासित सरकार का गठन कर रहे हैं। निर्वासित सरकार सेंट्रल लंदन से कार्यरत रहेगी।
Al Jazeera की रिपोर्ट के अनुसार लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन में स्वयं घोषित मणिपुर राज्य परिषद (MSC) के मुख्य मंत्री याम्बेन बिरेन और मणिपुर राज्य परिषद के रक्षा मंत्री नरगंबम समरजीत ने मीडिया के सामने घोषणा की कि वे मणिपुर के महाराजा के प्रतिनिधि के तौर पर बोल रहे हैं। उन्होंने एक दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया कि मणिपुर के महामहिम महाराजा ने उन्हें 15 मार्च’ 2013 के आदेश संख्या 12 द्वारा मणिपुर राज्य की राजनीतिक समस्याओं को हल करने हेतु अधिकृत किया था।
दोनों ने पुष्टि की कि वे पहले से ही सितंबर 2019 में ब्रिटेन में शरण ले चुके हैं, भारत में रहते हुए मणिपुर की स्वतंत्रता की घोषणा करना हमारे लिए संभव नहीं था क्योंकि हम मणिपुर राज्य परिषद के मंत्रियों को भारत सरकार के हाथों गिरफ्तारी, यातना और सुरक्षा दलों द्वारा हत्या किये जाने का भय था।
उन्होंने घोषणा की कि “मणिपुर राज्य परिषद (MSC) महामहिम की सरकार है, जो मणिपुर के महाराजा लीसेम्बा संजाओबा जो कि मणिपुर के महाराजा हैं। महाराजा राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं। मणिपुर एक संवैधानिक राजशाही शासित राज्य है और मणिपुर के राजा का प्रभुत्व ईश्वरीय आदेश है।”
उन्होंने कहा कि मणिपुर पर भारतीय कब्जे वाली सरकार द्वारा “भारतीय गणतंत्र संविधान के तहत शस्त्र बल अधिनियम (Special Powers) 1958” के तहत कठोर कानूनों के माध्यम से शासन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार असहिष्णु है और हिंदुत्व के वर्चस्व के लिए छोटे देशों और समुदायों के भौतिक विनाश पर विश्वास करती है और इसलिए भारत से काम जारी रखना उनके लिए सुरक्षित नहीं था।
उन्होंने कहा कि मणिपुर पर कब्जे के बाद से पिछले 10 वर्षों में 4500 के करीब अवैध रूप से मारे गए हैं और 1500 से अधिक अवैध हिरासत में जेलों में हैं। पिछले कुछ दशकों में लगभग 15,000 से अधिक लोग जान से जा चुके हैं। उन्होंने इस सन्दर्भ में BBC की एक रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें गैरकानूनी हत्याओं और मानवाधिकारों के उल्लंघन घटनाओं का खुलासा किया गया था।
आगे उन्होंने कहा कि “हमारा मानना है कि अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष भारत से अलग होकर मणिपुर की स्वतंत्र सरकार, मणिपुर राज्य परिषद (Manipur State Council) के स्वतंत्र गठन की घोषणा को सार्वजनिक करने और मान्यता प्राप्त करने का सही समय है। हम संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की संप्रभु राज्यों की सभी सरकारों से आह्वान करते हैं कि वे आज से मणिपुर की निर्वासित सरकार को मान्यता दें।’
पूर्व रियासत मणिपुर ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के दो साल बाद 1949 में भारत का हिस्सा बन गई, लेकिन दशकों से हिंसक अलगाववादी अभियानों की वजह से अशांत है।
फोटो साभार : The News.
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