अमरीकी पत्रकार पीटर फ्रेडरिक ने दावा किया है कि 22 जुलाई 2011 को नार्वे में 77 निर्दोष लोगों को गोलियों से भून देने वाला मुस्लिम विरोधी क्रूर हत्यारा आंद्रे ब्रेविक राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ (RSS) की विचारधारा से प्रभावित था। पीटर फ्रेडरिक ने कहा कि 2011 में नार्वे के आतंकी हमले से पहले ब्रेविक के 1,518 पन्नों के मेनिफेस्टो का जिक्र किया है जिसमें वह RSS की खूब सराहना कर रहा है।

Telegraph India के अनुसार फ्रेडरिक ने कहा कि “आंद्रे ब्रेविक ने RSS के दक्षिणपंथी ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ और भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने के एजेंडे की सराहना की थी, वो आरएसएस से इसलिए प्रभावित था कि संघ सड़कों पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और दंगा करता हैं।” पीटर फ्रेडरिक आगे कहते हैं कि “आंद्रे ब्रेविक ने मेनिफेस्टो में कहा था कि ‘श्वेत दक्षिणपंथियों और आरएसएस का लक्ष्य ‘समान’ हैं और उन्हें एक-दूसरे से सीखना चाहिए और यथासंभव सहयोग करना चाहिए।

पीटर फ्रेडरिक कहते हैं कि “RSS एक फासीवादी अर्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना 1925 में हुई थी। उसी साल हिटलर ने मीन कैम्फ को प्रकाशित किया था। आरएसएस नाजियों से प्रेरणा लेकर विकसित हुआ और इसी का नतीजा नरेंद्र मोदी हैं।” वो बताते हैं कि आंद्रे ब्रेविक ने अपने मेनिफेस्टो में भाजपा, आरएसएस, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) को “आव्रजन विरोधी दलों और राष्ट्रवादी दलों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, मेनिफेस्टो में सड़कों पर दंगे फसाद करने के लिए “हिंदू दक्षिणपंथी” की प्रशंसा की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका के ह्यूस्टन में 17 सितंबर को आयोजित ‘हाउडी मोदी’ रैली के विरोध प्रदर्शन में अग्रणी रहे कैलिफोर्निया के पत्रकार ‘पीटर फ्रेडरिक’ ने कहा था कि यदि वह भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत करते हैं, तो वह उनके अपराध का भागीदार बन जाएंगे।

17 सितंबर के ‘हाउडी मोदी’ रैली के विरोध के दौरान, फ्रेडरिक ने 2002 के गुजरात दंगों के लिए मोदी को दोषी ठहराया था और ह्यूस्टन सिटी के सभी 16 पार्षदों को भारतीय नेता और आरएसएस के बारे में जानकारी के साथ एक फाइइल प्रस्तुत की। फ्रेडरिक के मुताबिक, “मोदी के हाथ खून से सने हैं। जो लोग स्वागत में हाथ मिलाते हैं, वे भी उनके अपराधों में शामिल होने के कलंक से छुटकारा नहीं पा सकते।”

‘द टेलीग्राफ’ ने ट्विटर पर फ्रेडरिक से बाचतीच का हवाला दिया है। इस दौरान फ्रेडरिक ने सीधे तौर पर पीएम मोदी और आरएसएस को निशाना बनाया। गौरतलब है कि हाल ही में फ्रेडरिक ने कारवां पत्रिका में एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसमें बताया था कि कैसे अमेरिका में आरएसएस से जुड़े हिंदू समूह डेमोक्रेटिक उम्मीदवार तुलसी गबार्ड को फंड कर रहे थे।


आंद्रे ब्रेविक हिन्दू दक्षिणपंथियों की विचारधारा से प्रेरित था ये बात नार्वे हमले के महीने भर बाद ही दुनिया को पता चल गयी थी, और इस विषय पर इससे पहले भी The Hindu ने भी 26 जुलाई 2011 को एक लेख में नार्वे के हत्यारे आंद्रे ब्रेविक और भारत के दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के बीच संबंधों और उसके मेनिफेस्टो में भारत के मुस्लिम विरोधी हिन्दू संगठनों की प्रशंसा की थी, आंद्रे ब्रेविक के 1,518 पन्नों के मेनिफेस्टो के 102 पेजों में भारत के बारे में आंकड़े हैं और मेनिफेस्टो के खंड 3.158 में आंद्रे ब्रेविक ने हिन्दू राष्ट्रवादियों और यूरोपीय चचेरे भाइयों को एक ही तरह की समस्या से जूझता बताया था।

1 Comment

    very sad. hindutva has become the monster in India. killing to targeted community. bjp and rss will destroy the country.

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