राफेल डील में पुनर्विचार याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई जारी है, इसी सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल (AG) केके वेणुगोपाल ने कहा कि प्रशांत भूषण जिन दस्तावेजों पर भरोसा कर रहे हैं वह रक्षा मंत्रालय से चुराए गए हैं।

 The Hindu के अनुसार सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल के वेणुगोपाल ने अदालत में कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं रद्द की जानी चाहिए क्योंकि उनके लिए राफेल डील के चोरी हुए दस्तावेजों का आधार बनाया जा रहा है। ऐसा कर याचिकाकर्ता गोपनीयता कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राफेल सौदे के दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए थे। इसमें पूर्व या मौजूदा कर्मचारियों का हाथ हो सकता है। वो गोपनीय दस्तावेज हैं जो पब्लिक डोमेन में नहीं हो सकते। इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि दस्तावेज चोरी हुए थे तो सरकार ने क्या कार्रवाई की ? इस पर अटॉर्नी जनरल ने जवाब दिया कि जांच की जा रही है।

सुनवाई शुरू होने पर जब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को नया दस्तावेज देने की कोशिश की, तब कोर्ट ने साफ कहा, ‘हम किसी भी नए दस्तावेज पर सुनवाई नहीं करेंगे।’ दरअसल, प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा, ‘आपने अपने आदेश में कोर्ट की निगरानी में जांच की मेरी मांग पर सुनवाई ही नहीं की। हमने सीबीआई के सामने शिकायत की थी, आपने सीबीआई से रिपोर्ट तक नहीं मांगी।’

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार ने सीलबंद लिफाफे में जो रिपोर्ट दी थी, उसमें गलतियां थीं, जिसके आधार पर कोर्ट ने फैसला दिया था। यह झूठे साक्ष्य का मामला बनता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जब प्राथमिकी दायर करने और जांच के लिए याचिकाएं दाखिल की गईं तब राफेल पर महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाया गया।

राफेल मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की और से पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी।

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