एक बार फिर से वुसतुल्लाह ख़ान याद आ गए।
मेरे वो सब हिन्दू और मुसलमान मित्र जिन्हें अपनी नाक से आगे कुछ दिखाई नहीं देता और जिन पर अपने देश, फिर पूरी दुनिया को अपने जैसा करने का ख़ब्त सवार है उनके लिए एक बुरी ख़बर है। बुरी ख़बर ये है कि पिछले सात हज़ार वर्षों में कोई भी सूरमा इस उप-महाद्वीप को धर्म […]
Read More