देश में लगातार बढ़ती मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम्स की घटनाओं को देखते हुए यूनाइटेड अगेंस्ट हेट (UNITED AGAINST HATE) मुहिम के सदस्यों ने एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-3133-600-00 कल प्रेस क्लब में लांच किया, इससे मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम के पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने के साथ साथ कानूनी मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी।

यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य नदीम खान ने बताया कि ये हेल्प लाइन नंबर 1800-3133-600-00 टोल फ्री नंबर है, ये 24 घंटे कॉल काम करता है, इस हेल्पलाइन अगेंस्ट हेट का मकसद मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम के शिकार लोगों को इंसाफ दिलाने में मदद करना, मीडिया के ज़रिए इस तरह की घटनाओं का सही पक्ष सामने रखना, पीड़ितों को न्यायिक मदद की कोशिश कर हेट क्राइम्स के इस तरह के हमलों का डाटा तैयार कर सरकार व न्यायालय के सामने पेश करना है।

यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की नफरत के खिलाफ हेल्प लाइन से भाजपा सहित चाटुकार मीडिया को भी आपत्ति है, इसमें बुराई क्या है ? United Against Hate की मुहिम को चाटुकार मीडिया द्वारा ‘असहिष्णुता गैंग’ के नाम से पुकारा जा रहा है, क्या मॉब लिंचिंग में चुपचाप मरते जाना ही सहिष्णुता है ? बेगुनाहों की मौतों के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाना ही सहिष्णुता है ?

India Spend वेब साइट के अनुसार मुताबिक मॉब लिंचिंग के इन मामलों में 2015 से अब तक 68 लोगों की जानें जा चुकी हैं. इनमें दलितों के साथ हुए अत्याचार भी शामिल हैं।

पिछले आठ वर्षों में हुए 63 हमलों में से 61 (96.8 फीसदी) मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यानी वर्ष 2014-2017 के बीच हुए हैं। इस तरह के हमले वर्ष 2016 में सबसे ज्यादा हुए। वर्ष 2016 में हमलों की संख्या 25 रही है। लेकिन 2017 के पहले छह महीनों में ही ऐसे 20 मामले दर्ज किए गए हैं, ये आंकड़े वर्ष 2016 की तुलना में 75 फीसदी ज्यादा हैं।

दुनिया के हर देश में विभिन्न प्रकार की हेल्प लाइन्स और उनके टोल फ्री नंबर्स आम हैं, चाहे वो नारी सुरक्षा हो या बच्चों से सम्बंधित मामले हों, या फिर पुलिस, चिकित्सा या आपदा आदि सम्बन्धी मामले हों, इस तरह के हेल्प लाइन्स नंबर्स से पीड़ितों को तुरंत सहायता तो मिलती ही है, कई ज़िंदगियाँ बचती हैं।

ऐसे में यदि UNITED AGAINST HATE ने हेट क्राइम्स के लिए टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर जारी कर दिए तो कौनसी आफत आ पड़ी ?

पिछले दो तीन दशकों में विश्व में ‘इस्लामोफ़ोबिया’ के दुष्प्रचार ज़ोरों पर है, इसे बल मिला 9 /11 हमले के बाद और उसके बाद ‘प्रायोजित आतंकी संगठन’ आइसिस के उभार के कारण,और भारत में भी दक्षिणपंथी संगठन अब इसकी खेती कर रहे हैं, जिसमें चाटुकार मीडिया का पूरा पूरा सहयोग मिल रहा है, रोज़ टीवी टॉक शो में हिन्दू-मुस्लिम और मंदिर मस्जिद के पर शाब्दिक जूतम पैजार इसका बड़ा उदाहरण है।

UNITED AGAINST HATE ने देर से ही सही मगर सही क़दम उठाया है, सरकार का मुंह देखने के बजाय अपनी तौर पर देश में बढ़ते हेट क्राइम्स को देश की जनता के सामने आंकड़ों के साथ रखने का और मॉब लिंचिंग पीड़ितों की त्वरित सहायता के साथ क़ानूनी मदद के इससे बढ़िया कोई तरीक़ा हो भी नहीं सकता था।

जो शुरुआत UNITED AGAINST HATE ने की है उसे ब्रिटेन में बहुत पहले शुरू किया जा चुका है, वहां एक संस्था है TELL MAMA. ये TELL MAMA संस्था ब्रिटेन में इस्लामॉफ़ोबिक घटनाओं पर निगरानी रखती है, उन दक्षिणपंथी संगठनों और लोगों पर नज़र रखती है जो हेट क्राइम्स में लिप्त हैं, ऑनलाइन हेट क्राइम्स पर नज़र रखती है, सबूत और दोषियों की पहचान कर प्रशासन तक पहुंचती है, और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाही भी करती है, हेट क्राइम्स पीड़ितों को सामाजिक, आर्थिक और क़ानूनी मदद करती है, आइये जानते हैं इस Tell MAMA के बारे में।

ब्रिटेन इस्लामोफोबिया प्रोपगंडे से लगातार जूझ रहा है, 9/11 हमले के बाद इसमें काफी तेज़ी आयी थी, ब्रिटिश मुसलमानों और स्थानीय लोगों ने परस्पर मिलकर इस प्रोपगंडे की रफ़्तार पर ब्रेक लगाया, मगर मई 2017 में बर्मिंघम अरीना में हुए आत्मघाती हमले में 22 लोगों के मारे जाने के बाद इन हेट क्राइम्स में 700 फ़ीसदी की चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गयी है, ये सब ब्रिटिश प्रशासन के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है।

ब्रिटेन में दक्षिणपंथी और इस्लामॉफ़ोबिक ताक़तों की साजिशों और एजेंडों के खिलाफ 21 फ़रवरी 2012 में अभियान शुरू किया गया, और MP, Secretary of State for the Department for Communities and Local Government एरिक पिकल्स ने एक संस्था interfaith इंटरफेथ को इसपर काम करने के लिए आमंत्रित किया, interfaith संस्था का गठन फ़य्याज़ मुग़ल ने अतिवादियों और दक्षिणपंथियों की कार्रवाहियों पर निगरानी और रोक के लिए किया था। एरिक पिकल्स के निमंत्रण और सलाह पर फ़य्याज़ मुग़ल ने TELL MAMA को खड़ा किया।

TELL MAMA संस्था ठीक यहूदी संस्था Community Security Trust (CST) की तर्ज़ पर काम करती है, जिसका गठन ब्रिटैन में 1994 को हुआ था, ये CST संस्था ब्रिटैन में यहूदियों के साथ हुए दुर्व्यवहार, हेट क्राइम्स की निगरानी करती है, पीड़ितों को हर तरह का सहयोग करती है, TELL MAMA के बारे में उसके Wikipedia  पेज पर विस्तार से जान सकते हैं। इसके अलावा TELL MAMA के आधिकारिक पेज पर भी आप इसके बारे में जान सकते हैं।

फ़य्याज़ मुग़ल की संस्स्थान TELL MAMA के गठन के बाद उसकी कार्य प्रणाली और कार्य योजना को देख कर उन्हें ब्रिटिश सरकार का सहयोग भी मिलने लगा और 2012 – 13 के लिए इस TELL  MAMA को £214,000 दो लाख चौदह लाख पाउंड्स फण्ड दिया गया।

TELL MAMA संस्था ब्रिटेन में इस्लामॉफ़ोबिक घटनाओं पर निगरानी रखती है, उन दक्षिणपंथी संगठनों और लोगों पर नज़र रखती है जो हेट क्राइम्स में लिप्त हैं, ऑनलाइन हेट क्राइम्स पर नज़र रखती है, सबूत और दोषियों की पहचान कर प्रशासन तक पहुंचती है, और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाही भी करती है, हेट क्राइम्स पीड़ितों को सामाजिक, आर्थिक और क़ानूनी मदद करती है।

TELL MAMA ने किसी भी इस्लामॉफ़ोबिक घटना, हेट क्राइम्स की सूचना के लिए जगह जगह पोस्टर्स लगाए हुए हैं, टोल फ्री हेल्प लाइन्स चलाई हुई है, व्हाट्सएप्प नंबर दिए हुए हैं, ईमेल आईडी दी हुई है, ताकि पीड़ित तुरंत ही इसकी सूचना Tell MAMA को दे सकें, और कार्रवाही की जा सके।

TELL MAMA के इस क़दम से ब्रिटिश सरकार और स्थानीय लोगों के साथ वहां के मुसलमानो को भी राहत मिली है।

मुझे उम्मीद है कि UNITED AGAINST HATE की ये मुहिम TELL MAMA की तरह सफल होगी, भविष्य में सरकार को भी आगे आकर इस सार्थक मुहिम का समर्थन और सहयोग करना चाहिए, ये मुहिम नफरत के खिलाफ है सरकार या समुदाय या किसी मज़हब के खिलाफ बिलकुल नहीं है। इस मुहिम पर हो हल्ला केवल नफ़रतिये ही कर सकते हैं जिनकी दुम पर शायद UNITED AGAINST HATE ने टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर जारी कर पैर रख दिया है।

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