स्पेशल स्टोरी – वाया : फिजी टाइम्स.
कर्नाटक और भारत के अन्य हिस्सों में शैक्षणिक संस्थानों में अकारण ही हिजाब को लेकर सांप्रदायिक बहस ज़ोरों पर है। हिजाब विवाद के बीच बुधवार को उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में ग़ैर मुस्लिम और ग़ैर हिजाबी छात्राएं एक हिजाबी छात्रा के हाथों में मज़बूती से हाथ डाले कॉलेज आती नज़र आईं। रायटर्स के फोटोजर्नलिस्ट सुनील कटारिया द्वारा लिए गए इस फोटो को सोशल मीडिया पर सराहा गया और लोगों ने इसे ‘A Picture Of Hope’ नाम दिया।
सोशल मीडिया पर इस फोटो को ‘A photo of hope’ और ‘विभिन्नता में एकता’ कैप्शन के साथ इसे हज़ारों की संख्या में शेयर और RT किया गया है। @rohini_mohan ने ट्वीट करते हुए लिखा “A photo of hope from Udupi
#HijabAurKitab”
A photo of hope from Udupi #HijabAurKitab pic.twitter.com/MO6ePNJ1fF
— Rohini Mohan (@rohini_mohan) February 17, 2022
नफरत को जवाब देता ये फोटो इस बात का सन्देश है कि कॉलेज की अन्य छात्राएं हिजाब विवाद पर सहमत नहीं हैं और अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। इसका कारण ये है कि वो सब जानती हैं कि उनकी हिजाबी सहपाठी छात्राएं सालों से कक्षाओं में हिजाब में आती रही हैं और इस विवाद से पहले उनसे किसी को कोई कठिनाई नहीं हुई। यही कारण है कि ये छात्राएं हिजाबी सहपाठी छात्रों को मोरल सपोर्ट देने उनके एक दूसरे का मज़बूती से हाथ थामे कॉलेज आई हैं।
ये सारा विवाद कर्नाटक के शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए संशोधन के कारण शुरू हुआ था जिसमें आदेश दिया गया था कि कक्षाओं में अब छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हिजाब एक धार्मिक पहचान हैं जो कि शैक्षणिक संस्थानों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति के खिलाफ है, इसके लिए ड्रेस कोड ज़रूरी है।
इसके बाद कुछ मुस्लिम छात्राओं और अभिभावकों द्वारा प्रतिबंध के विरोध में आपत्ति दर्ज कराई गई, मगर कर्नाटक के स्कूलों और कालेजों ने हिजाब पहनी छात्राओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी। मामले ने तब और तूल पकड़ा जब हिन्दू छात्रों ने भगवा पगड़ियां और भगवा शाल पहनकर कॉलेज आना शुरू किया और कई बार हिजाबी छात्राओं से कहासुनी हुई।
छात्रों के बढ़ते आपसी विरोध के कारण जिले में कॉलेज सबसे लंबे समय तक बंद रहे। यहां तक कि यह सुनिश्चित करने के लिए धारा 144 भी लगाई गई थी कि वहां शैक्षणिक संस्थानों के पास कोई विरोध प्रदर्शन न हो। अब मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई शुक्रवार को है।
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