ब्रिटेन में दो दिग्गज ब्रिटिश भारतीय हस्तियों से शाही परिवार द्वारा दिए गए सम्मान छीन लिए गए हैं। रामी रेंजर और अनिल भनोट को पद से हटा दिया गया है। दोनों ही हस्तियों को बकिंघम पैलेस में अपने प्रतीक चिन्ह लौटाने होंगे।

लॉर्ड रामी रेंजर को कंजर्वेटिव संसदीय दल से निलंबित कर दिया गया है तथा उनके CBE सम्मान (Commander of the Order of the British Empire) को जब्ती समिति की सिफारिश पर किंग चार्ल्स द्वारा रद्द कर दिया गया है, उन पर भारतीय मूल के एक पत्रकार के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अपमान करने तथा उन्हें परेशान करने, तथा पाकिस्तानियों और सिख समुदाय के सदस्यों के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप हैं। इसके अलावा रामी रेंजर ने बीबीसी की पीएम मोदी पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की थी।

दूसरे मामले में हिंदू काउंसिल यूके मैनेजिंग ट्रस्टी के अनिल अनिल भनोट से उन का OBE सम्मान (Officer of the Order of the British Empire) वापस ले लिया गया है। अनिल भनोट ने साल 2021 में बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ ट्वीटर पर कुछ ट्वीट्स किए थे जिनको इस्लामोफोबिक मानते हुए शिकायत की गई थी।

अब वो दोनों अपने सम्मान का कोई भी फायदा नहीं उठा सकेंगे। जब्ती समिति उन मामलों पर गौर करेगी, जब्ती के लिए समिति की सिफारिशें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के माध्यम से राजा को सौंपी गईं हैं।

रामी रेंजर और अनिल भनोट ने कहा है कि वो इस मामले में कानून की मदद लेंगे और वो ज्यूडिशियल रिव्यू करने और मामले को यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय में ले जाने का प्लान भी बना रहे हैं।

CBE या कमांडर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर, यू.के. में सर्वोच्च सम्मान है, उसके बाद ऑफ़िसर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर (OBE) और मेंबर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर (MBE) का स्थान आता है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किंग जॉर्ज पंचम द्वारा सम्मान प्रणाली की शुरुआत उन लोगों को सम्मानित करने के लिए की गई थी जिन्होंने यू.के. में घरेलू मोर्चे से युद्ध के प्रयासों में मदद की थी। आज, ये सम्मान विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सकारात्मक योगदान को मान्यता देते हैं।

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