जामिया मिलिया इस्लामिया में इलेक्ट्रीशियन के पद पर काम करने वाले कलीमुद्दीन अहमद की सबसे बड़ी बेटी सुबिया परवीन को प्रतिष्ठित केनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी (YES) छात्रवृत्ति के लिए चुना गया है, Times Of India की खबर के अनुसार सुबिया को अमेरिका में 10 महीने की अवधि के कार्यक्रम के लिए अध्ययन करने हेतु 28 हजार अमेरिकी डॉलर छात्रवृत्ति मिलेगी। ये कार्यक्रम अगस्त 2019 से जून 2020 तक आयोजित किया जाएगा।
नर्सरी क्लास से ही जामिया में पढ़ रही सुबिया 10 वीं क्लास की स्टूडेंट है, और वो वैज्ञानिक बनना चाहती है।सुबिया कहती हैं कि मेरे अंग्रेजी शिक्षक ने मुझे छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया, इस छात्रवृत्ति के लिए उत्कृष्ट अकादमिक ट्रैक रिकॉर्ड और उपलब्धियां ज़रूरी थी।
“मैं सामाजिक कारणों पर कविताएँ लिखती हूँ और अपने स्कूल में एक डिबेटर रही हूँ, मैंने विभिन्न लेखन प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार भी जीते हैं, मेरी लेखन क्षमताएं बहुत काम आईं, क्योंकि निबंध लिखना आवेदन प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है।”
उनके पिता कलीमुद्दीन अहमद जो केवल बारहवीं कक्षा तक ही पढ़े हुए हैं, कहते हैं कि, “मेरी बेटी हमेशा एक प्रतिभावान स्टूडेंट रही है और मैं चाहता था कि उसे उसके सपने पूरे करने के लिए कोई राह मिले कोई अच्छा माहौल मिले। हमारे समुदाय के साथ जो रूढ़िवादिता जुड़ी हुई है, उसके विपरीत, मेरा परिवार हमेशा प्रगतिशील रहा है, जब यह हमारे बच्चों को शिक्षित करने की बात आती है तो मेरे वालिद साहब ने तय किया था कि उनके बेटे और बेटियों को समान शिक्षा मिले और इसलिए मैं उनके नक्शेकदम पर चलता हूं। ”
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के रहने वाले कलीमुद्दीन अहमद कहते हैं, “भले ही हम उसे अमेरिका भेजने से घबराए हुए हैं, लेकिन हम उसे ऐसे मौके से महरूम करना नहीं चाहेंगे।” सुबिया अमेरिका में एक अकादमिक वर्ष बिताने के लिए उत्सुक हैं और वो वहां बारहवीं कक्षा में विज्ञान की पढ़ाई करेंगी। वो वहां बायो टेक्नोलॉजी में अपना करियर बनाना चाहती है और उम्मीद करती है कि अमेरिका में हासिल की गई शिक्षा उसे अपना मक़सद को हासिल करने में मदद करेगी।
2002 में शुरू हुए इस अमरीकी छात्रवृत्ति कार्यक्रम से कई छात्र लाभान्वित हुए हैं। इसके तहत मुस्लिम बहुल स्कूलों से प्रतिभावान छात्रों का चयन किया जाता है। सुबिया परवीन के अलावा तीन और छात्र भी इस छात्रवृत्ति के लिए चुने गए हैं।
कल जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने भी सुबिया परवीन से मुलाकात कर उन्हें उनकी इस शानदार उपलब्धि पर बधाई दी।
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