1965 में भारत के खिलाफ जंग लड़ने वाले पाकिस्तानी पिता और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अरशद सामी खान के बेटे गायक अदनान सामी को 1 जनवरी 2016 को मोदी सरकार ने भारत की नागरिकता दे दी थी। कई ख़बरों से पता चलता है कि अदनान सामी ने भारतीय नागरिकता लेने के लिए झूठा हलफनामा दिया था।
साथ ही ये बात भी निकल कर सामने आयी है कि भारत (मुंबई) में स्थित उनकी ED द्वारा 2010 में अटैच की गई भाई भरकम सम्पत्तियाँ वापस पाना भी इसका बड़ा कारण हैं।
Daily Sun के अनुसार अदनान साम ने अपने हलफनामें में घोषणा की थी कि वैवाहिक झगड़ों से सम्बंधित उनका एक ही केस है, जबकि ये झूठ था, कनाडा से लेकर भारत तक उनके खिलाफ कई तरह के आपराधिक मामलों और धाराओं में केस दर्ज हैं।
चार शादियां कर चुके अदनान सामी ने अपनी दूसरी पत्नी सबाह गलदारी से दोबारा शादी की थी, उनकी पहली पत्नी प्रसिद्द पाकिस्तानी अभिनेत्री ज़ेबा बख्तियार थीं, चौथी शादी उन्होंने रोया खान से की है।
अदनान सामी ने अपने लिखित आवेदन में अपने खिलाफ केवल एक आपराधिक मामले का उल्लेख किया था जबकि उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। अदनान सामी के खिलाफ भारत में धारा 420, धारा 323, धारा 504, धारा 506, धारा 498 ए, धारा 406 और धारा 384 के तहत मामले दर्ज हैं।
DAWN की खबर के अनुसार कनाडा में नवम्बर 1998 को अदनान सामी को कनाडाई इमीग्रेशन अधिकारीयों ने अपने पुत्र अज़ान के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था और 15 दिन जेल काटी थी, उस समय अदनान सामी की पत्नी ज़ेबा बख्तियार थीं और पुत्र को लेकर उन दोनों के बीच तनाव और मुक़दमे बाज़ी हुई थी, बाद में अपनी गिरफ़्तारी को लेकर अदनान सामी ने कनाडा सरकार के खिलाफ $ 30 मिलियन का मुकदमा दायर किया था।
अगस्त 2001 में अदनान सामी और दो अन्य के खिलाफ इंदौर में भी धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था, जिसकी खबर Times of India में प्रकाशित हुई थी, इन लोगों पर 2.15 लाख रूपये एडवांस लेने के बाद भी स्टेज शो नहीं करने का आरोप था। वहां इन पर IPC की धारा 420, 406 और 34 के तहत केस दर्ज हुआ था।
DNA की खबर के अनुसार 28 अगस्त 2009 को अपनी दूसरी पत्नी सबाह गलदारी के साथ घरेलू हिंसा की शिकायत पर अदनान सामी को मुंबई में गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद अदनान सामी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दी थी। सबा और अदनान की आपस में लड़ाई अंधेरी के लोखंडवाला परिसर में फ्लैटों के मालिकाना हक़ को लेकर भी थी।
New 18 की खबर के अनुसार दिसंबर 2010 में अदनान सामी को उनके अँधेरी स्थित ओबरॉय स्काई गार्डन के 8 फ्लैट्स और 5 कार पार्किंग के स्वामित्व को लेकर ED द्वारा नोटिस दिया गया था साथ ही उनपर 20 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था। ED ने नोटिस में आरोप लगाया था कि 2003 में ही भारतीय रिजर्व बैंक ने अदनान सामी को भारत में संपत्ति खरीदने के लिए उनके पाकिस्तानी नागरिक होने के कारण अयोग्य ठहरा दिया था।
यानी अदनान सामी ने पाकिस्तानी नागरिक होने और रिज़र्व बैंक के अयोग्य ठहरने के बावजूद मुंबई में इतनी बड़ी सम्पत्तियाँ खरीद डाली थीं। खबर थी कि इसके बाद ED ने इन सम्पत्तियों में विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन के शक में अदनान सामी की उक्त सभी सम्पत्तियाँ अटैच कर लीं थीं।
तब ED द्वारा अपनी सम्पत्तियाँ अटैच किए जाने के कुछ दिनों पहले अदनान सामी ने रिज़र्व बैंक से आग्रह कर बैकडेट में उन्हें खरीद की अनुमति देने की गुहार लगाईं थी। इस पर अपीली ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस मनमोहन सिंह ने उनकी सम्पत्ति तो लौटा दी, लेकिन RBI से ज़रूरी अनुमति न लेने के लिए उन पर लगे 20 लाख रूपये के जुर्माने को 50 लाख रूपये कर दिया था।
अब आगे की बात, वो ये कि Hindustan Times की खबर के अनुसार अदनान सामी को भारत की नागरिकता मिलते ही 2010 में ज़ब्त हुए उनके 8 फ़्लैट और 5 पार्किंग स्पेस उन्हें लौटा दिए गए हैं। यहाँ एक बात स्पष्ट है कि यदि अदनान सामी भारतीय नागरिकता नहीं लेते तो ED द्वारा अटैच किये गए मुंबई स्थित उनके 8 फ्लैट्स और 5 कार पार्किंग उन्हें कभी वापस नहीं मिलते।
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