कई बार कई ओलेमा कह चुके हैं कि मस्जिदों को सिर्फ इबादत के लिए ही नहीं बल्कि साथ ही मज़हबी कम्युनिटी सेंटर के तौर पर भी इस्तेमाल करना चाहिए जहाँ क़ौम को तालीम, स्वास्थ्य, आर्थिक और मज़हबी कॉउंसलिंग भी दी जा सके।
इसी को सार्थक करते हुए हैदराबाद के राजेंद्रनगर के वादी-ए-महमूद में स्थित मस्जिद-ए-मुस्तफा के एक हिस्से में आस पास की गरीब महिलाओं और बच्चों के लिए राबिया क्लिनिक नाम से एक वेलनेस सेंटर (Health Clinic) के साथ साथ पहली बार महिलाओं के लिए जिम सुविधा भी शुरू की गई है।
Times of India की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में यह पहली बार है कि किसी मस्जिद ने महिला विशेषज्ञ ट्रेनर के साथ महिलाओं के लिए जिम की सुविधा दी है । जिम और वेलनेस सेंटर के पीछे का मक़सद झुग्गी झोंपड़ियों में रहने वाली महिलाओं में गैर-संचारी रोगों की घटनाओं को कम करना है।
एक पेशेवर महिला ट्रेनर को शारीरिक व्यायाम में महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए प्रतिदिन दो सत्रों में काम पर रखा गया है। इसमें स्वास्थ्य परामर्शदाता और एक चिकित्सक भी हैं।
राजेंद्रनगर के वादी-ए-महमूद में स्थित मस्जिद-ए-मुस्तफा के जिम को USA के एक गैर सरकारी संगठन Support For Education and Economic Development (SEED) द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। शहर का एक गैर सरकारी संगठन (NGO) हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन, Helping Hand Foundation (HHF) वेलनेस सेंटर चलाने में मस्जिद समिति के साथ समन्वय कर रहा है।
मस्जिद-ए-मुस्तफा में इस राबिया क्लिनिक की स्थापना सितम्बर 2020 में कोविड-19 के चलते की गई थी, प्रमुख दान दाताओं में से एक की मां की याद में राबिया क्लिनिक नाम रखा गया है।
मस्जिद की पहली मंजिल पर स्थित ये राबिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजेंद्रनगर मंडल में 31 विषम झुग्गियों के एक समूह को कवर करता है, जिसमें लगभग पाँच लाख की आबादी शामिल है।
मस्जिद के राबिया क्लिनिक में महिलाओं और बच्चों के लिए एक वरिष्ठ महिला चिकित्सक, एक बाल रोग विशेषज्ञ, प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक दंत चिकित्सक, आहार विशेषज्ञ, नर्स, परामर्शदाता और फ्रंट डेस्क सहायक कर्मचारी शामिल हैं।
हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन (HHF) की टीम इलाक़ों की बस्तियों और झुग्गी झोंपड़ियों में महिलाओं और बच्चों का बराबर स्वास्थ्य सर्वेक्षण करती है, ऐसे ही एक सर्वे में पता चला है कि पता चला है कि 52% महिलाओं को कार्डियोमेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा है।
हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन (HHF) के मुजतबा हसन असकरी कहते हैं कि यह क्लिनिक महिलाओं और बच्चों के लिए मुफ्त है, चाहे उनका धर्म, जाति और पंथ कुछ भी हो। हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन (HHF) पहले से ही पुराने शहर में नवाब साहब कुंता के मस्जिद-ए-इशाक में नवंबर 2018 से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चला रहा है।
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