अल-जज़ीरा की खबर के अनुसार इंडोनेशिया के सेन्ट्रल जावा के सेरांग क़स्बे के निवासी रिज़वान सुरुरी का नाम इन दिनों चर्चा में है, इसकी वजह है उनकी मोबाइल घोडा लाइब्रेरी, इसकी वजह हैं UNESCO की रिपोर्ट में वहां घटती साक्षरता दर।
रिज़वान सुरुरी सप्ताह में तीन दिन, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को क़स्बे और गांवों में अपनी मोबाइल घोडा लाइब्रेरी लेकर फेरी लगाते हैं, वो ये काम 2014 से कर रहे हैं, और इसका नाम उन्होंने कुडापुस्तका रखा है।
उनको इस काम के लिए उनके मित्र ने ही प्रोत्साहित किया था और अपनी ओर से 136 बच्चों की किताबें दी थीं, उसके बाद उनकी लाइब्रेरी में किताबों की संख्या बढ़ती गयी, रिज़वान सुरुरी रोज़ सुबह 9 बजे अपने सफ़ेद घोड़े लूना पर किताबें लाद कर अपने मिशन पर निकल पड़ते हैं।
रिज़वान सुरुरी की इस तालीमी बेदारी मिशन की न सिर्फ सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है बल्कि इस मुहीम ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को भी आकर्षित किया है, और इसी के चलते उनकी मोबाइल लाइब्रेरी में जमा होने वाली किताबों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है।