दारूल उलूम के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने गरीबों को निशुल्क खाना खिलाने की एक बेहतरीन पहल की है, 17 नवम्बर से शुरू हुई इस पहल के तहत लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह ने गुरुद्वारों में ‘लंगर’ की तरह ही एक सामुदायिक रसोई स्थापित की है जिसे ‘लंगर-ए-आदम’ या Adam’s Kitchen कहा जाता है।
Times Of India की खबर के अनुसार ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि रसोई घर में हर रोज़ सुबह 7.30 बजे से रात 9.30 बजे तक लगभग 200 लोगों को शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा। अगर लोगों की तादाद बढ़ती है तो रसोई की उत्पादकता भी बधाई जा सकती है।
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि हमारा लक्ष्य हर दिन और पूरे सप्ताह गरीब और भूखे लोगों को शाम को भोजन उपलब्ध कराना है, यह इस्लाम के संदेश के उस अनुरूप है जो गरीबों की खिदमत की बात करता है। इस्लाम के अनुसार धार्मिक स्थान केवल पूजा के लिए ही नहीं, बल्कि समाज सेवा के केंद्र भी हैं। यही कारण है कि हमने ये पहल शुरू की है।
मौलाना ने कहा, “‘लंगर-ए-आदम’ की रसोई सभी के लिए खुली है, चाहे उनकी जाति, धर्म या वर्ग कुछ भी हो। रसोई सप्ताह के सभी सात दिनों चलेगी, लेकिन खाना सिर्फ शाकाहारी होगा, हालांकि मेन्यू दैनिक आधार पर बदला जाएगा।”
मौलाना खालिद ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर छ: सात महीनों से विचार चल रहा था, और कई क्षेत्रों के मुसलमानों की दिलचस्पी और सहयोग मिलते ही इसे अमलीजामा पहनाया गया। लखनऊ में ‘लंगर-ए-आदम’ को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है और जल्द ही इसे शहर में स्थित अन्य धार्मिक स्थानों पर विस्तारित किया जाएगा।
ये पूछे जाने पर कि ‘लंगर-ए-आदम’ ही नाम क्यों, पर मौलाना खालिद ने समझाते हुए कहा की “इस्लाम की तालीम के मुताबिक़ इस दुनिया का हर आदमी पैगंबर आदम की संतान है और इसी से हमने नाम इस लंगर का नाम तय किया है।”
‘लंगर-ए-आदम’ की वेबसाइट पर जाकर आप पूरी जानकारी ले सकते हैं।
‘लंगर-ए-आदम’ को टवीटर पर इस लिंक पर क्लिक कर फॉलो कर सकते हैं।
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