ये वीडियो जापान की राजधानी टोक्यों की मस्जिद Tokyo Camii का है, जहाँ नमाज़ियों की तादाद ज़्यादा हो जाने की वजह से दो बार नमाज़ हुई, टोक्यो ज़ामी मस्जिद के बाहर हर कई मुल्कों के मुसलमानों को मुतमईन ढंग से लाइन लगा कर अगली जमात का इंतज़ार करते देखा जा सकता है।
वैसे भी जापान दुनिया में अपने अनुशासन, नागरिक कर्तव्यों और उम्दा व्यवहार के लिए जाना जाता है, Daily Sabbah के अनुसार जापान में लगभग 200 मस्जिदें हैं और जापान में मुसलमानों की आबादी 70,000 से लेकर 120,000 के बीच है।
इस Tokyo Camii मस्जिद के बारे में विकिपीडिया बताता है कि ये मस्जिद जापान की बड़ी और ऐतिहासिक मस्जिद है , यहाँ Camii एक तुर्की भाषा का शब्द है जिसे ‘ज़ामी’ उच्चारित किया जाता है, जिसका मतलब होता है ‘इबादत के लिए इकठ्ठा होने की जगह’।
जापान में इस मस्जिद का निर्माण 12 मई 1938 को पूरा हुआ था, इसके साथ ही एक इस्लामी स्कूल भी था, इस मस्जिद के निर्माण में बड़ी खामी रह जाने की वजह से इसे 1986 में सभी की राज़मन्दी से गिराकर नयी मस्जिद तामीर की गयी, इसका काम 1998 में शुरू हुआ और 2000 में जाकर पूरा हुआ। 30 जून 2000 को इसका इनॉग्रेशन हुआ था।
टोक्यों ज़ामी मस्जिद तुर्की वास्तुकला का बेतरीन नमूना है, इसकी तामीर के लिए तुर्की से 70 वास्तुविदों और कारीगरों को बुलाया गया था, और इसके लिए तुर्की से आला दर्जे का मार्बल इम्पोर्ट किया गया था, तब इस मस्जिद की तामीर पर 1.5 बिलियन येन खर्च हुए थे।
इस मस्जिद की न सिर्फ बाहरी वास्तुकला देखने लायक है बल्कि इसके अंदर भी बेहतरीन नक़्क़ाशी और कारीगरी देखने को मिलती है, अरबी केलीग्राफी में क़ुरआने पाक की आयतें नज़र आती हैं, इस मस्जिद की वास्तुकला इस्ताम्बुल की ब्लू मस्जिद से बहुत मिलती जुलती है।
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