अमृतसर ट्रैन हादसे के बाद से कई लोग सोशल मीडिया पर कुछ फोटोज़ शेयर कर रहे हैं जिसमें नमाज़ी रेलवे ट्रैक पर नमाज़ पढ़ते नज़र आ रहे हैं, सुदर्शन चैनल के सुरेश चव्हाणके ने 19 अक्टूबर को अमृतसर ट्रैन हादसे के बाद एक ट्वीट कर इन फोटोज़ को शेयर किया था जिसमें लिखा था कि “नमाज़ के लिए ट्रेन रोकी जा सकती है तो #रावन_दहन के लिए क्यों नहीं ? ”
इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस ट्वीट को RT किया और फोटोज़ को अपने तौर पर शेयर कर गुमराह किया, ये पहली बार नहीं है जब इन फोटोज़ को दुष्प्रचार या लोगों को गुमराह करने के लिए प्रयोग किया गया हो, इससे पहले भी ये कई बार सोशल मीडिया पर शेयर किये गए और गलत सूचना के साथ ही शेयर किये गए, लोग इन फोटोज़ को तमिलनाडु या मुजफ्फरपुर (बिहार) या रेलवे ट्रक पर अदा की जाने वाली इस नमाज़ की वजह से NEET के स्टूडेंट्स की परीक्षा छूट जाने जैसी अफवाहें फैलाते रहे हैं और आज भी फैला रहे हैं।
किसी ने इसका सच बताने की कोशिश नहीं, आइये रेलवे ट्रक पर नमाज़ पढ़ते इन फोटोज़ के पीछे की कहानी को तलाश करते हैं और सच को सामने रखते हैं।
ये फोटोज़ सबसे पहले 23 जून 2017 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया के Blog में प्रकाशित हुआ था, इन फोटोज़ को शूट करने वाले फोटो जर्नलिस्ट थे अनिंद्या चट्टोपाध्याय, उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया में लिखे अपने ब्लॉग में इन फोटोज़ के बारे में लिखा है कि ये दिल्ली स्टेशन पर अलविदा की नमाज के दौरान ली गई फोटो फोटोज़ हैं।
वहीँ अनिंद्या चट्टोपाध्याय ने आजतक आजतक द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि “जिस जगह की ये फोटो है वो नई दिल्ली और सदर बाजार के बीच में है जिसका नाम है नबी करीम, वहां पर अच्छन मिंया की मस्जिद है। ब्रिटिश काल में इस मस्जिद का उपयोग केवल रेलवे के मुस्लिम कर्मचारी ही करते थे, लेकिन बाद में आसपास के लोग भी यहां आने लगे। जब लोगों की संख्या बढ़ी तो मस्जिद में जगह कम पड़ गई और लोग ट्रैक तक जाकर भी नमाज पढ़ने लगे।”
अनिंद्या चट्टोपाध्याय पिछले पांच साल से ईद के पहले अलविदा की नमाज की फोटो लेने इस जगह पर जाते रहे हैं।
अपने ऑडियो साक्षात्कार में अनिंद्या चट्टोपाध्याय साफ़ कह रहे हैं कि नमाज़ के लिए ट्रैन रोकने जैसी कोई बात उन्हें नज़र नहीं आई थी।
न्यूज़ चैनल द्वारा अनिंद्या चट्टोपाध्याय से इन फोटोज़ के पीछे की कहानी का ऑडियो आप इस Link पर क्लिक करके भी सुन सकते हैं।
अनिंद्या चट्टोपाध्याय ने बताया कि वो पिछले पांच साल से ईद के पहले अलविदा की नमाज की फोटो लेने इस जगह पर जाते हैं लेकिन पिछले एक साल से ये फोटो गलत जगह बताकर वायरल हो रही है।
साथ ही कुछ मुसलमान भी इन फोटोज़ पर सफें सीधी न होने पर झूठा या फोटोशॉप बता रहे हैं या इन फोटोज़ के बांगला देश का होने की आशंका ज़ाहिर कर रहे हैं, उनके लिए यहां एक टाइम्स ऑफ़ इंडिया के ही एक वीडियो का LINK है जिसमें वो नई दिल्ली और सदर बाजार के बीच नबी करीम में अच्छन मिंया की मस्जिद में हो रही उस अलविदा नमाज़ को देख सकते हैं।
नई दिल्ली और सदर बाजार के बीच नबी करीम में अच्छन मिंया की मस्जिद में रामज़ानों में अदा की जाने वाली ईद के पहले अलविदा नमाज़ के इन फोटोज़ की कहानी का सच कई बार मीडिया में भी सामने रखा गया है, मगर फिर भी लोग बिना किसी जांच परख के इन फोटोज़ को बार बार पाने तौर पर प्रयोग कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
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