केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार आज गुरुवार को दो दशकों से त्रिपुरा में रह रहे मिजोरम के लगभग 30,000 से अधिक विस्थापित ब्रू-रियांग शरणार्थियों के स्थायी समाधान का मार्ग प्रशस्त करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये। DNA ने इस सम्बन्ध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
सरकार और ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के तहत प्रत्येक ब्रू-रियांग शरणार्थी को 40 X 30 साइज का एक एक प्लॉट, चार लाख रुपये की FD, और दो साल तक 5,000 रुपये प्रति माह और मुफ्त राशन दिए जाने का ऐलान किया है। साथ ही घर बनाने के लिए 1.5 लाख रुपये की सहायता भी दी जाएगी, शाह ने कहा कि इसके लिए 600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है। त्रिपुरा की सरकार इस समझौते के तहत ब्रू-रियांग शरणार्थियों को जमीन उपलब्ध कराएगी।
ब्रू शरणार्थियों के संकट को समाप्त करने और त्रिपुरा में उन्हें बसाने के समझौते पर हस्ताक्षर करते समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ब्रू-रियांग शरणार्थियों के प्रतिनिधियों व त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब और मिजोरम के मुख्यमंत्री गोरमथांगा और गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी उपस्थित थे।
ANI ने भी इस सम्बन्ध में टवीट कर समझौते की सूचना दी।
Union Home Minister Amit Shah in Delhi: Bru refugees will get a 40 by 30 feet plot along with a fixed deposit of Rs 4 lakhs, cash assistance of Rs 5000 per month for 2 years and free ration. pic.twitter.com/RdiFpG1hEG
— ANI (@ANI) January 16, 2020
ब्रू-रियांग शरणार्थी कौन हैं ?
ब्रू-रियांग पूर्वोत्तर में बसने वाला एक जनजातीय समूह है, 1997 में मिजो समुदाय के साथ जातीय संघर्ष के बाद आदिवासी मिजोरम भाग गए और तब से अलग-अलग राहत शिविरों में त्रिपुरा में रह रहे हैं। मिजोरम में ब्रू अनुसूचित जनजाति का एक समूह माना जाता है और त्रिपुरा में इन्हें रियांग नाम से पुकारते हैं।
मामला तब बिगड़ा था जब 1995 में यंग मिजो एसोसिएशन और मिजो स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने विधानसभा चुनावों में ब्रू-रियांग शरणार्थियों की मौजूदगी का विरोध किया। इन संगठनों का कहना था कि ब्रू-रियांग समुदाय के लोग बाहरी हैं मिजोरम राज्य के नहीं है।
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद जारी एक बयान में, गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार 2010 से इन शरणार्थियों को स्थायी रूप से पुनर्वास करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार मिजोरम और त्रिपुरा की सरकारों को ध्यान में रखते हुए मदद कर रही है।
इससे पहले भी 3 जुलाई 2018 को ब्रू-रियांग शरणार्थियों के लिए इसी तरह के पैकेज की घोषणा की गई थी मगर तब अधिकांश ब्रू-रियांग शरणार्थियों ने त्रिपुरा छोड़ने और मिजोरम वापस जाने से इनकार कर दिया था।
- क्या हरीश साल्वे CAS में विनेश फोगाट के पक्ष में फैसला कराकर सिल्वर मेडल दिला पाएंगे ? - August 9, 2024
- पाकिस्तानी जेवलीन थ्रोअर अरशद नदीम ने 92.97 मीटर भाला फेंक कर 16 साल पुराना ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़ा। - August 9, 2024
- विनेश फोगाट ने फाइनल में अयोग्य घोषित करने के खिलाफ़ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ स्पोर्ट्स आर्बिट्रेशन में अपील दायर की। - August 8, 2024