खबर है कि सोनिया गाँधी बीमारी की वजह से इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगीं, इसके चलते 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में रायबरेली लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं। Asia Times की खबर के अनुसार इसकी तैयारियां भी रायबरेली में शुरू हो गई हैं। यहां की तैयारियों और सांगठनिक फेरबदल में प्रियंका गांधी की ही राय ली जा रही है। हाल ही में 8 ब्लॉक अध्यक्षों को बदलने में भी प्रियंका गाँधी की ही सहमति ली गयी थी।
प्रियंका सोनिया गाँधी और राहुल के बीच एक मज़बूत पिलर का काम करती हैं, परदे के पीछे संगठनात्मक फैसलों में उनकी भागीदारी रहती है, रणनीतियां तय करती हैं, बताया जाता है कि तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर जब तक असमंजस की स्थिति थी, तब भी प्रियंका की भूमिका अहम रही थी। कांग्रेस के एक खेमे से उन्हें राजनीति में उतारे जाने की आवाज़े बुलंद होती रही हैं, इसी के चलते पिछले कुछ साल से प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने की चर्चा होती रही है।
खबर है कि कांग्रेस के लिए इस अहम मौके पर प्रियंका गांधी वाड्रा न केवल चुनाव लड़ेंगी, बल्कि यूपी के हिस्से में वह सक्रिय हिस्सेदारी रखेंगी। प्रियंका के चुनाव मैदान में आने की बात को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि पिछले चुनाव के बाद से सोनिया गांधी की सक्रियता रायबरेली में काफी कम रही है। वह यहां न के बराबर पहुंचीं। इसके अलावा, पिछले कुछ चुनावों में भी सोनिया गांधी की सक्रिय भूमिका कम हुई है।
यूपी विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी परदे के पीछे काफी सक्रिय थीं। यहाँ तक कि कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने सार्वजनिक तौर पर उन्हें कांग्रेस का ‘कमांडर इन चीफ’ करार दे दिया था। अभी हुए तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत के बाद प्रियंका गांधी की सक्रियता फिर से साफ़ देखी जा रही है।
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