वीरों और रणबांकुरों की सरज़मीं राजस्थान के एक और बहादुर फौजी ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, राजसमंद भीम तहसील शेखावास निवासी जवान परवेज कोठात जम्मू कश्मीर के उरी में तैनात था और उस दौरान पाकिस्तान की ओर से सीजफायर के दौरान गोली लगने से शहीद हो गया।
राजसमंद जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल के अनुसार शहीद परवेज काठात के जम्मू कश्मीर के उरी में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में शहीद होने की सूचना मिली है। उनकी पार्थिव देह शुक्रवार का घर पहुंच सकती है।
गांव में शहादत की सूचना मिलने के बाद माहौल गमगीन हो गया। परवेज काठात का जन्म 7 जनवरी 1990 को शेखावास गांव के मांगू काठात के घर हुआ। परवेज बचपन से ही भारतीय सेना में जाकर दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने का ख्वाब देखा करते थे। परवेज कोठात 2009 में आर्मी में भर्ती हुआ, 5 ग्रेनेडियर बटालियन में शामिल हुआ, वर्तमान में उसकी तैनाती उरी सेक्टर में थी। शहीद परवेज बचपन से ही फौजी वातावरण में पला- बढ़ा उसके परिवार में कई लोग भारतीय सेना से जुड़े हुए हैं। उनके पिता मांगू खादी सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
परवेज कोठात के बड़े भाई इकबाल काठात भी कश्मीर में ही पदस्थापित है। वहीं शहीद परवेज़ का एक बेटा और एक बेटी है जो कि काफी छोटे हैं। वहीं शहीद परवेज के पिता ने बताया कि वह मेरे दिल का टुकड़ा था और मुझे गर्व है कि वह देश के लिए शहीद हुआ है। उसके भाई ने कहा कि उसको बचपन से ही सेना में जाने का जुनून था और जब वह सेना में भर्ती हुआ तो बहुत खुश हुआ था।
परवेज कोठात की शहादत की सूचना मिलते ही इलाक़े के लोग शहीद के घर श्रद्धांजली देने पहुचने लगे और परिवार को इस दुख की घड़ी में ढांढस बंधाया।
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