भविष्य में रॉकेट गौमूत्र और गोबर के ईंधन से उड़ेगा ये दावा किया है झारखंड के आदित्यपुर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) की असिस्टेंट प्रोफेसर दुलारी हेंब्रम ने, NIT में इसको लेकर एक रिसर्च की जा रही है। Newstracklive के अनुसार दुलारी हेंब्रम के अनुसार गोबर के मिश्रण से उच्चकोटि की हाइड्रोजन गैस बनती है। आवश्यक परिष्करण कर इसका इस्तेमाल रॉकेट के प्रोपेलर में ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है। दुलारी ने इसका दावा अपने रिसर्च पेपर में किया है और इस प्रयोग को संभव बताया है। दुलारी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनको जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
दुलारी हेंब्रम के अनुसार ईंधन के रूप में इस्तेमाल होने वाली हाइड्रोजन गैस के उत्पादन पर फिलहाल प्रति यूनिट 7/- रुपये खर्च आ रहा है, उनका कहना है कि अगर सरकार इस प्रयोग में मदद करती है तो तो गोबर के मिश्रण से पैदा होने वाली गैस का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा सकता है। इससे देश में बिजली की समस्या भी दूर हो जाएगी।
इसके साथ ही दुलारी हेंब्रम ने दावा किया है कि इसे रॉकेट में उपयोग होने वाले ईंधन के सस्ते विकल्प के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है, इसकी रिसर्च दुलारी कॉलेज की प्रयोगशाला में कर रहीं हैं, इसके लिए वे सरकारी मदद पाने के लिए प्रयास कर रही हैं।
दुलारी हेंब्रम की इस रिसर्च की खबर सोशल मीडिया में आते ही यूज़र्स मज़े लेकर उन्हें ट्रॉल करने लगे। एक यूजर ने दुलारी हेंब्रम को पतांजलि का डाइरेक्टर बनाने की सलाह दी है। एक टवीटर यूजर ने लिखा “गौमूत्र और गोबर की अब मांग दुनिया में तेज़ी से बढ़ेगी तथा इसके भाव में भी उतार-चढ़ाव पेट्रोल की तरह देखने को मिलेगा, भारत की पौ-बारह होगी।”
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