नए साल के पहले ही महीने में देश में पंद्रह दिनों के अंदर ही देश में दो बड़ी गिरफ्तारियां हुई हैं एक हिज़्बुल के आतंकियों के साथ कार से गिरफ्तार किये गए जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP देवेंद्र सिंह की और एक 22 जनवरी को मंगलुरु हवाई अड्डे पर बम रखने वाले आतंकी आदित्य राव की।

ये पहला और आखरी मौक़ा नहीं है जब देश में इस तरह की गिरफ्तारियां हुई हैं, इससे पहले भी इससे भी बड़ी और धमाकेदार गिरफ्तारियां हुई हैं, पुलिस, अर्ध सैनिक बलों, सेना और ख़ुफ़िया संगठनों के आला अधिकारी देश से गद्दारी करते पकडे गए, मगर इन सबके बावजूद देश में दशकों से चला आ रहा एकतरफा मुस्लिम विरोधी नेरेटिव और मीडिया मुसलमानों को ही देशद्रोही साबित करने पर तुला रहता है।

न सिर्फ मुस्लमान बल्कि मोदी सरकार के विरुद्ध बोलने असहमत होने वाले और किसी भी अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाली यूनिवर्सिटीज जैसे AMU, JNU और जामिया जैसे विश्व विख्यात उच्च शिक्षण संस्थाओं तक को देश विरोधी घोषित कर दिया गया है।

इस सेलेक्टिव जस्टिस और एकतरफा नेरेटिव की वजह से दूसरी ओर कई ख़ुफ़िया संगठनों, पुलिस और अर्ध सैनिक बलों के कुछ लोग देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त होने के बावजूद बचते आ रहे हैं, ये देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।

अभी 19 जनवरी 2020 की ही दैनिक भास्कर की खबर थी कि 9 साल में 32 सैन्यकर्मी और बीएसएफ के जवान पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पकड़े गए और 2019 में सर्वाधिक 13 जवान पकड़े गए जिन्होंने पाकिस्तान को परमाणु पनडुब्बी और मिसाइल की संवेदनशील जानकारियां तक भेजीं।

मगर इन सबके बावजूद अंधभक्त और गोदी मीडिया न सिर्फ मुसलमानों को देशद्रोही साबित करने पर तुली रहती है बल्कि AMU, JNU और जामिया जैसे आला शिक्षण संस्थानों को आतंक का अड्डा कहने लगे हैं, अंधभक्तों और गोदी मीडिया के कुटिल गठबंधन से निवेदन है कि ज़रा गर्दन नीचे करके अपने गिरेबान में झांकें और बताएं कि इस लिस्ट में मौजूद लोगों को गद्दार देशद्रोही कहेंगे या फिर ये सभी देशप्रेमी हैं :

1. नाम : माधुरी गुप्ता – (पूर्व राजनयिक)
आरोप : विश्व की खतरनाक खुफिया एजंसी ISI के लिए अपने ही देश की जासूसी की : 23 अप्रैल 2010 को गिरफ्तार – तीन वर्ष की सजा।

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2. नाम : कुमार नारायण (वित्त विभाग का पूर्व अफसर)
आरोप : वित्त मंत्रालय में अहम फैसलों से जुड़ी फाइलों की फोटो कॉपी कराकर हर जानकारी अपने कंट्रोलर तक भेजना।
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3. नाम : रविंदर सिंह – (रॉ अधिकारी)
आरोप : भारतीय खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले रविंदर सिंह को एजेंसी से जुड़े अहम दस्तावेज की फोटो खींचते हुए कैमरे पर देखा गया था। जब तक रॉ अपने ही अफसर पर हाथ डाल पाती वो 14 मई 2004 को गायब हो गया। रविंद्र सिंह रॉ में ज्वाइट सेकेट्री स्तर का अफसर था। माना जाता है कि रविंदर सिंह ने रॉ से जुड़ी तमाम जानकारियां अपने अमेरिकी कंट्रोलर तक पहुंचाई थी। कानून की नजर में इस वक्त रविंदर सिंह भगोड़ा है।
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4. नाम : मनमोहन शर्मा – (रॉ अधिकारी)
मई 2008 में बीजिंग में तैनात रॉ के अफसर मनमोहन शर्मा पर जासूसी का आरोप लगा। कहा गया कि चीनी लड़की के प्यार में पड़कर शर्मा ने तमाम खुफिया जानकारी उगल दी थी।
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5. नाम : रवि नायर – (रॉ अधिकारी)
आरोप : हॉंगकॉंग से वापस बुला लिया गया। रवि नायर पर भी चीन की लड़की के प्यार में खुफिया जानकारी चीन को देने का आरोप लगा।
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6. नाम : कमोडोर सुखजिंदर सिंह – (नौ सेना अधिकारी)
आरोप : मास्को में तैनाती के दौरान रूसी महिला के साथ संबंध बनाने का दोषी, बर्खास्त करने के आदेश।
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7. नाम : यशोदानंद सिंह – रिटायर्ड CRPF सब इंस्पेक्टर
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचने वाले गिरोह का सरगना।
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8. नाम : विनोद पासवान
काम : हवालदार सी आर पी एफ
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे।
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9. नाम : दिनेश सिंह
काम : हवालदार सी आर पी एफ
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे।

10. नाम : वंशलाल
काम : उत्तर प्रदेश पुलिस
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे।
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11. नाम : अखिलेश पाण्डेय
काम : उत्तर प्रदेश पुलिस
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे।
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12. नाम : राम किरपाल सिंह
काम : उत्तर प्रदेश पुलिस
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे।

13.  नत्थी राम
काम : मोरादाबाद पुलिस अकादमी
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे।
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14. नाम : निरंजन होजाई – (असम bjp नेता)
आरोप : 30 मई 2009 को आतंकियों को आर्थिक मदद का आरोप, उम्रकैद की सजा सुनाई।
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15. नाम : ध्रुव सक्सेना : (मध्य प्रदेश भाजपा आईटी सेल में जिला संयोजक )
आरोप : भाड़े पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करना।
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16. नाम : अच्युतानंद मिश्रा – (BSF कांस्टेबल)
आरोप : पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करना।
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17. नाम : निशांत अग्रवाल (ब्रह्मोस एयरोस्पेस के वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर)
आरोप : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सूचनाएं देना।
मामला अक्टूबर 2018 का है।

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18. नाम : राजू कुजूर (सीएएफ छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स में कांस्टेबल)
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचना – 10 अक्टूबर 2018 को गिरफ़्तारी।
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19. नाम : वैभव राउत – (सनातन संस्था)
आरोप : घर से हथियारों सहित 20 बम बरामद, शरद कालासकरऔर सुधानवा गोंधेकर के साथ गिरफ्तार। इस वैभव राउत की गिरफ़्तारी के विरोध में दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों ने सोपारा गांव से लेकर नालासोपारा रेलवे स्टेशन तक रैली निकाली थी।

स्त्रोत : यहाँ देखें

देश के ऐसे गद्दारों की पूरी पूरी सूची यहाँ इस लिंक पर क्लिक करके भी देख सकते हैं।

अब आइये आगे देखते हैं उन बड़े ‘आर्थिक अपराधियों’ की सूची जो देश का पैसा लेकर विदेश भाग चुके हैं और विदेशी नागरिकता ले चुके हैं, विदेश मंत्रालय ने 4 अगस्त 2018 को ही देश के वांछित 28 बड़े आर्थिक अपराधियों की LIST जारी की है :-

Pushpesh Baid
Ashish Jobanputra
Vijay Mallya
Sunny Kalra
Sanjay Kalra
Sudhir Kumar Kalra
Aarti Kalra
Varsha Kalra
Jatin Mehta

SBI के टॉप 10 बैंक डिफॉल्टर्स.

Umesh Parekh
Kamlesh Parekh
Nilesh Parekh
Eklavya Garg
Vinay Mittal
Chetan Jayantilal Sandesara
Nitin Jayantilal Sandesara
Diptiben Chetankumar Sandesara
Nirav Modi
Neeshal Modi
Mehul Choksi
Sabya Seth
Rajiv Goyal
Alka Goyal
Lalit Modi
Ritesh Jain
Hitesh Narendrabhai Patel
Mayuriben Patel
Priti Ashish Jobanputra

देश के इन कुख्यात आर्थिक अपराधियों की सूची इस The Hindu के इस लिंक पर भी देख सकते हैं।

ठीक है ? अब इन सूचियों में मुसलमानों के नाम ढूंढ कर बताइये ? नहीं हैं ना ? फिर राष्ट्रवाद के ठेकेदार बने लोगों को उपरोक्त दोनों सूचियों में मौजूद इन लोगों को देशद्रोही कहते में ज़बान को लकवा क्यों मार जाता है ?

गाँधी जयंती पर हिन्दू महासभा हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. पूजा शकुन पांडेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर उनके पुतले को गोलियां मारती है, और पेट्रोल डालकर उनका पुतला जलाया जाता है, यही हिन्दू महासभा हर गणतंत्र दिवस को काला दिवस के रूप में मनाती आयी है, मगर ये लोग देशद्रोही क्यों नहीं ?

जो लोग देश के गणतंत्र का विरोध करें, देश के संविधान का विरोध करें, राष्ट्रपिता का अपमान करें, तिरंगे पर भगवा को प्राथमिकता दें वो देशप्रेमी किधर से हुए ??

साफ़ और कड़वी बात तो ये है कि ‘राष्ट्रवाद’ का ये पूरा प्रोपगंडा ही मुस्लिम विरोध पर टिका है, देश में बढ़ती असहिष्णुता पर आमिर खान या नसीरुद्दीन शाह या शाहरुख़ खान एक बयान दे दे तो पूरी ठेकेदार मंडली उसे पाकिस्तान भेजने उठ खड़ी होती है, मगर जब मिजोरम में 30000 लोग हेलो चाइना, और बाय बाय इंडिया का नारा लगते हैं तो इनका राष्ट्रवाद सेलेक्टिव जस्टिस के बदबूदार कीचड में लौट पोट होने लगता है।

दरअसल संघ और उसके बगलबच्चे उग्र हिंदूवादी संगठनों ने एक कुटिल साजिश के साथ एक लक़ीर ख़ींच दी कि जो मोदी या बीजेपी या संघ के साथ नहीं है वो राष्ट्रद्रोही है। इसमें ‘मोदी या बीजेपी या संघ के साथ’, शब्द पर गौर कीजिये, इसी शब्द में सब कुछ निहित है।

इस लकीर की दूसरी ओर सिर्फ मुसलमान ही नहीं हैं, करोड़ों हिन्दू, सिख, ईसाई भाई भी हैं, जिन्हे इस छद्म और उग्र राष्ट्रवाद के एजेंडे की वास्तविकता पता है, इसमें विरोधी दल भी आ जाते हैं। आज ‘मोदी या बीजेपी या संघ के साथ’ हिन्दुओं का बहुत बड़ा वर्ग नहीं है, तीन बड़े हिंदी भाषी राज्यों में संघ के इस प्रोपगंडे को इन राज्यों की जनता द्वारा धूल चटाना इस बात का बड़ा सबूत है।

जिस तरह से ISIS , अल-क़ायदा, लश्कर, बोको हरम देश के मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करते उसी तरह संघ भी देश के हिन्दुओ का प्रतिनिधित्व नहीं करता।

यानी संघ ने अपने इस प्रोपगंडे के तहत अघोषित रूप से ‘मोदी या बीजेपी या संघ के साथ’ न होने वाले हर भारतीय नागरिक, हर राजनैतिक दल, हर संगठन, हर न्यूज़ चैनल, हर एंकर को देशद्रोही, पकिस्तन परस्त गद्दार घोषित कर दिया है, ये देश की सामाजिक समरसता को खंडित करने वाली मानसिकता है।

मुसलमानों पर आतंकी या देशद्रोही होने का ठप्पा लगाने की कुटिल इस्लामॉफ़ोबिक साजिश के कई उदाहरण मौजूद हैं, समय समय पर देश में प्रायोजित आतंकवाद के चलते कई आतंकी संगठनों से जुड़े होने के आरोप लगाकर कई बेगुनाह मुसलमानों को जेलों में डाल दिया गया और ये क्रम अभी भी जारी है, ऐसे सैंकड़ों केस हैं जिनमें ये बेगुनाह मुसलमान 10, 20, 25 साल बाद अदालतों से निर्दोष साबित हो कर जेलों से बाहर आये हैं, ऐसे कई केसेज़ के बारे में आप यहाँ और यहाँ पढ़ सकते हैं।

तिरंगे पर भगवे को प्राथमिकता देने वालों, अतंकियों और बलात्कारियों के समर्थन में जुलूस निकालने वालों, गणतंत्र दिवस को काला दिवस मनाने वालों, राष्ट्रपिता बापू की हर जयंती पर मिठाइयां बाँटने और उनके पुतले को गोलियां मारने के समर्थन में खड़े होने लोग वाले देश की बाक़ी जनता को देशभक्ति के प्रमाणपत्र कैसे बाँट सकते हैं ?

इसलिए जो भी लोग मुसलमानों, जामिया, AMU या JNU के स्टूडेंट्स को देशद्रोही का प्रमाणपत्र देने की कोशिश करें, सबसे पहले अपने देशभक्ति के प्रमाणपत्र और सेलेक्टिव जस्टिस की बत्ती बनाकर कान खुजाते हुए इस उपरोक्त लोगों की सूची पर नज़र ज़रूर डाल लें।

और उसके बाद जाते जाते ये शेर भी पढ़ते जाएँ :

डरा धमका कर तुम हमसे वफा करने को कहते हो,
कहीं तलवार से भी पांव का कांटा निकलता है।

जिसे भी जुर्मे-ग़द्दारी में तुम सब क़त्ल करते हो,
उसी की जेब से क्यों मुल्क का झंडा निकलता है।।

~मुनव्वर राना~

जयहिंद !!

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