गांधीवादी सोच का ख़त्म होना भी एक खामोश हत्या है गांधी की।
आज गांधी जी की पुण्यतिथि है। गांधी प्रतिमाओं और उनकी तस्वीरों को गांधी जयंती के बाद धोने-पोंछने का यह पहला अवसर आया है। प्रत्येक वर्ष ऐसा ही होता है, जयंती और पुण्यतिथि के बीच की अवधि में गांधीजी के साथ कोई नहीं होता है। कड़वी बात तो यह है कि बचे-खुचे गांधीवादी भी नहीं। वे […]
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