क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं, यदि युद्ध हुआ तो परमाणु युद्ध ही होगा, और इस युद्ध के पहले ही सप्ताह में 2 करोड़ लोग मारे जायेंगे, वो कैसे ये आपको नीचे बताते हैं।

पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों की शहादत पर पूरे देश में दुःख और आक्रोश है, देश की जनता सड़कों पर निकल कर आक्रोश प्रकट कर इस शहादत का बदला लेने के लिए सरकार से आग्रह कर रही है, जहाँ देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को आश्वासन दिया है कि इस का बदला ज़रूर लिया जायेगा और समय व दिन सेना तय करेगी, वहीँ कई न्यूज़ चैनल्स ने इस दुःख और त्रासदी को अपनी TRP का जरिया बना लिया है।

ये न्यूज़ चैनल तबाह करने, बर्बाद कर डालने, नामो निशान मिटा डालने जैसी बातें कर देश की जनता के आक्रोश को और भड़का रहे हैं, इन न्यूज़ चैनल्स के तेवरों की राजनीती भी लोग समझ रहे हैं, टीवी स्टूडियोज़ में बैठे इन न्यूज़ चैनल्स के एंकर्स या तो अनपढ़ जाहिल हैं या फिर बौद्धिक शातिर हैं, ये भी जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं, यदि युद्ध हुआ तो ये युद्ध बंदूकों और टैंकों से लड़ने वाला नहीं बल्कि परमाणु युद्ध ही होगा।

आइये आपक बताते हैं कि यदि कल को भारत पाक के बीच युद्ध हुआ तो क्या होगा ?

29 सितम्बर 2016 को India Spend ने पाक के बीच युद्ध की आशंका पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, इंडिया स्पेंड के अनुसार अमेरिकी संस्था इंटरनेशनल फिजीशियंस फॉर द प्रिवेंशन ऑफ न्यूक्लियर वॉर की रिपोर्ट के मुताबिक अगर भारत-पाक में परमाणु युद्ध हुआ तो सीधे तौर पर 2 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत होगी। दो अरब लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ेगा, दुनिया की आधी ओजोन परत भी खत्म हो जाएगी, इसके अलावा दुनियाभर में मॉनसून पर बहुत बुरा असर पड़ेगा साथ ही खेती भी बर्बाद हो जाएगी।

इस दुनिया में जंग में अभी तक सिर्फ एक बार ही परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया है, अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के ऊपर दो परमाणु बम गिराए थे, पहला बम 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर गिराया गया साथ ही दूसरा बम 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर गिराया गया। दोनों ही शहरों में करीब ढाई लाख लोगों की मौत हुई थी, यानि आज से करीब 71 साल पहले के परमाणु बम ने इतनी बड़ा विनाश फैलाया था, तो समझ लीजिए की आधुनिक तकनीक वाले परमाणु बम कितने विनाशकारी साबित हो सकते हैं।

बीजेपी राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने 23 सितंबर 2016 को कहा था कि 120 करोड़ से ज्‍यादा भारतीय पाकिस्तान के परमाणु हमले में मरते हैं, तो जवाब में भारत पाकिस्तान का नामोनिशान मिटा देगा।

दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध के असली परिणाम और ज्यादा घातक होंगे। 2.1 अरब लोग सीधे तौर पर विस्फोट, आग और रेडिएशन से पहले हफ्ते में मर जाएंगे। ये संख्या द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की आधी है। रटगर्स यूनिवर्सिटी, कोलोराडो-बॉउल्डर यूनिवर्सिटी और कैनिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिल्स ने 2007 के अपने अध्ययन में यह दावा किया है।

इंडिया स्पेंड एनालिसिस ऑफ साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक मरने वालों की यह 2007 से लेकर 2015 तक आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों और सुरक्षा बलों की संख्या के 2,221 गुना होगी।

इंटरनेशनल फिजिशियन फॉर द प्रिवेंशन ऑफ न्यूक्लियर वॉर के 2013 में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में 2 बिलियन लोग भुखमरी और क्लाइमेट इफेक्ट के शिकार हो सकते हैं।

बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की संख्या बढ़कर 110 से 130 हो गई, जबकि 2011 में उसके पास 90 से 110 परमाणु हथियार थे। वैश्विक स्तर पर निशस्त्रीकरण की वकालत करने वाली इस संस्था के मुताबिक भारत के पास 110 से 120 परमाणु हथियार हैं।

मुंबई के गेटवे हाउस स्थित नेशनल सिक्योरिटी, एथनिक कंफ्लिक्ट और टेररिज्म के फेलो समीर पाटिल के मुताबिक पकिस्तान की परमाणु हथियारों वाली मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल भारत के चार प्रमुख महानगरों नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और चेन्नई को निशाना बना सकती हैं।

पाटिल ने इंडियास्पेंड को बताया कि मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलें भारतीय सेना के महत्वपूर्ण कमांड्स को भी टारगेट कर सकती हैं। पाकिस्तान की गौरी मिसाइलें 1,300 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। इनकी जद में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, नागपुर, भोपाल और लखनऊ जैसे शहर हैं। इसके अलावा पड़ोसी देश के पास 2,500 किलोमीटर तक मार करने वाली शाहीन मिसाइल भी है, और यह कोलकाता और पूर्वी तटीय शहरों को बर्बाद कर सकती है।

2015 में इंडियास्पेंड के विश्लेषण के मुताबिक 250 किलोमीटर दूरी तक मार कर सकने वाली पृथ्वी मिसाइल 24 परमाणु हथियारों को ले जा सकती है। पृथ्वी मिसाइल लाहौर, सियालकोट, राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी को निशाना बना सकती हैं।

भारत के पास परमाणु क्षमताओं से लैस 20 अग्नि-1 एसआरबीएम और 2000 किलोमीटर तक मार कर सकने वाली आठ अग्नि-2 इंटरमीडिएट बैलिस्टिक मिसाइल भी हैं। ये मिसाइलें क्रमशः सभी पाकिस्तानी शहरों को निशाना बना सकती हैं। इनमें लाहौर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, मुल्तान, पेशावर, कराची, क्वेटा और ग्वादर शामिल हैं।

अग्नि-III, IV और V अपनी लंबी दूरियों के साथ पूरे पाकिस्तान को निशाना बना सकती हैं, हालांकि इनका पाकिस्तान के बजाय चीन की ओर ज्यादा है। इसके अलावा भारत के पास शिप से लॉन्च की जाने वाली 350 किलोमीटर के रेंज वाली धनुष मिसाइलें भी हैं, जो परमाणु हथियारों से लैस हैं।

भारत के लड़ाकू विमान कुल परमाणु क्षमता का 45 प्रतिशत दुश्मन देश पर बरसा सकते हैं। वायुसेना के जगुआर लड़ाकू बमवर्षक 16 परमाणु हथियार गिरा सकते हैं, जबकि फ्रांस से निर्मित मिराज-2000 32 परमाणु बम दुश्मनों पर बरसा सकता है।

पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु बम :
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भारत के पास इस वक्त करीब 110-120 परमाणु बम है, जबकि पाकिस्तान के पास 120-130 परमाणु बम हैं, अगर परमाणु युद्ध भारत और पाकिस्तान में हुआ तो नतीजे ना सिर्फ दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेहद विनाशकारी होंगे।

पाकिस्तान ने परमाणु बम गिराए तो भारत का क्या होगा ?
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परमाणु बम गिराने के लिए पाकिस्तान के पास कम दूरी की नस्र, हत्फ, गज़नवी और अब्दाली मिसाइलें हैं. जिनकी मारक क्षमता 60 किलोमीटर से लेकर 320 किलोमीटर तक है. पाक्स्तिान के पास मध्यम दूरी की गौरी और शाहीन मिसाइलें हैं, इनकी मारक क्षमता 900 किलोमीटर से लेकर 2700 किलोमीटर तक की है. इन मिसाइलों से दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, नागपुर, भोपाल, लखनऊ और कोलकाता पर पाकिस्तान परमाणु बम गिरा सकता है।

भारत ने परमाणु बम गिराए तो पाकिस्तान का क्या होगा ?
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भारत के पास कम दूरी की पृथ्वी मिसाइलें हैं, इनकी मारक क्षमता 150 से 600 किलोमीटर की हैं जबकि मध्यम दूरी की अग्नि मिसाइलें हैं, इनकी मारक क्षमता 700 से लेकर 8 हज़ार किलोमीटर तक की हैं. पाकिस्तान का ऐसा कोई भी शहर नहीं है जो भारतीय मिसाइलों के निशाने पर ना हो। इन मिसाइलों से भारत ने हमला किया तो इस्लामाबाद, रावलपिंडी, कराची, नवशेरा, लाहौर जैसे बड़े शहर पूरी तरह तबाह हो जाएंगे. यानि साफ है कि भारत को इस परमाणु युद्ध का बड़ा नुकसान होगा, लेकिन पाकिस्तान करीब-करीब पूरी तरह साफ हो जाएगा।

ऐसे में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास दिलाया है कि समय आने पर इस कायर हमले और इन शहादतों का बदला ज़रूर लिया जायेगा, दिन और समय सेना तय करेगी तो फिर ऐसे संवेदनशील और दुःख के समय में इन न्यूज़ चैनल्स को देश में आक्रोश और उन्माद भड़काने के बजाय सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। यही समय है इनके नैतिक और राष्ट्रिय कर्तव्यों के पालन करने का।

न्यूज़ चैनल्स और उनके हाँफते, चिल्लाते एंकर्स को चाहिए कि आगे क्या करना है इसका फैसला सरकार और सेना पर छोड़ देना चाहिए उन्हें इन न्यूज़ चैनल्स और चिल्लाते एंकर्स से ज़्यादा पता है कि देशहित में कब क्या करना है और क्या नहीं।

इंडिया स्पेंड की भारत पाक युद्ध की आशंकाओं पर यही रिपोर्ट आप ABP न्यूज़ पर भी पढ़ सकते हैं।

अमर उजाला पर भी पढ़ सकते हैं।

और The Quint पर पढ़ सकते हैं।

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