कल किसान ट्रेक्टर रैली में किसानों के एक जत्थे ने लाल क़िले में ज़बरदस्ती प्रवेश कर वहां एक पोल पर अपने झंडे फहरा दिए, उनके अनुसार ये निशान साहिब और किसान संगठन के झंडे थे।

इस घटना के लिए भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने दीप सिद्धू नामक युवक को जिम्मेदार ठहराया है। ये घटना होते ही सोशल मीडिया में त्वरित प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं, ट्विटर पर यूज़र्स ने दावा किया कि दीप सिद्धू के भाजपा से सम्बन्ध हैं और लाल किले में एक समूह का नेतृत्व करने और धार्मिक झंडा फहराने के लिए भाजपा ने ही दीप सिद्धू को प्लांट किया था।

इसके साथ ही भाजपा से दीप सिद्धू की नज़दीकियों के कई सबूत सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे, प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, हेमा मालिनी, अभिनेता धर्मेंद्र और सनी देओल के साथ उनके फोटो लोगों ने शेयर कर इसे सोची किसान आंदोलन को बदनाम करने की समझी साजिश बताया। बात यहाँ तक बढ़ी कि अभिनेता सनी देओल को ट्वीट कर बताना पड़ा कि मेरा और मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नहीं है।

वहीँ प्रसिद्द वकील प्रशांत भूषन ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी और शाह के साथ ये दीप संधू है जिसने लाल क़िले पर भीड़ की अगुआई की और वहां सिखों का धार्मिक झंडा फहराया।

कौन है दीप सिद्धू ?

दीप सिद्धू का जन्म 1984 में पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले में एक जाट सिख परिवार में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई पंजाब में हुई थी। बाद में उन्होंने कानून का अध्ययन किया और कुछ समय के लिए किंगफ़िशर मॉडल हंट और ग्रेसिम मिस्टर इंडिया प्रतियोगिता में भाग लिया और जीतकर मॉडलिंग में लग गए।

लेकिन मॉडलिंग में वो सफल नहीं हो सके और वो मॉडलिंग छोड़कर फिर से क़ानून के क्षेत्र में लौट आये। तब उन्होंने ब्रिटिश फर्म हैमंड्स और फिर डिज्नी, सोनी पिक्चर्स और बालाजी जैसे कई प्रोडक्शन हाउस के साथ काम किया। कहा जाता है कि उनका सबसे लंबा कानूनी कार्यकाल बालाजी के साथ रहा।

हालांकि, उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 31 साल की उम्र में की, 2015 में दीप सिद्धू की पहली पंजाबी मूवी रमता जोगी रिलीज हुई। इसके बाद साल 2018 में आई फिल्म जोरा दस नंबरिया से दीप की लोकप्रियता बढ़ी।

दीप सिद्धू पूरे देओल परिवार के करीबी माने जाते हैं, खासकर धर्मेंद्र और सनी देओल, जो अब गुरदासपुर से भाजपा सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा सांसद सन्नी देओल ने दीप को गुरदासपुर में अपने चुनाव प्रचार टीम में शामिल किया था। संयोग से धर्मेंद्र ने अपनी हिट फिल्म जोरा 10 नंबेरिया में एक कैमियो रोल भी निभाया था।

लाल क़िले पर कल हुए हंगामे में अपना नाम आने पर दीप सिद्धू ने फेसबुक लाइव वीडियो में दावा किया कि उन्होंने और किसानों के एक समूह ने लाल किले पर किसान मजदूर एकता का झंडा और निशान साहिब फहराया। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को झंडे से नहीं हटाया गया था।

उन्होंने वीडियो में कहा, “हमने केवल विरोध प्रदर्शन के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए लाल किले पर निशान साहिब झंडा फहराया है।”

“प्रदर्शनकारी किसी को चोट पहुँचाने या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए दिल्ली नहीं गए, हमने हथियार भी नहीं रखे। हमने केवल अपने झंडे गाड़े और अपने ट्रैक्टरों पर दिल्ली चले गए। लोगों को प्रदर्शनकारियों को सांप्रदायिक तत्व या कट्टरपंथी नहीं कहना चाहिए। ”

 

ज्ञातव्य है कि दीप सिद्धू सिख फॉर जस्टिस संगठन से जुड़े हैं और दिसंबर 2020 में NIA ने दीप सिद्धू और उसके भाई के खिलाफ भारत विरोधी गतिविधियों के लिए देश और विदेश से फंडिंग के आरोप में केस दर्ज कर नोटिस जारी किया हुआ है।

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