भाग – 6 : बिना किसी अपराध के 16 साल जेल के बाद बा-इज़्ज़त (?) बरी।

भाग – 6 : बिना किसी अपराध के 16 साल जेल के बाद बा-इज़्ज़त (?) बरी।

AMU के PhD स्कॉलर रहे गुलज़ार अहमद वानी को 16 साल में रखने के बाद बा-इज़्ज़त बरी किया गया तब 25 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बिना जमानत के 16 साल से अधिक समय तक वानी की हिरासत को “शर्म” करार दिया था। AMU के अरबी विभाग में PhD कर रहे उत्तरी कश्मीर के […]

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 भाग – 5 : बिना किसी अपराध के 8 साल जेल, 17 साल केस, के बाद बा-इज़्ज़त (?) बरी।

भाग – 5 : बिना किसी अपराध के 8 साल जेल, 17 साल केस, के बाद बा-इज़्ज़त (?) बरी।

अब्दुल मुबीन बिना किसी अपराध के 8 साल जेल में रहे 17 साल मुक़दमा चला, जब बाइज़्ज़त बरी होकर बाहर आये तो उनकी दुनिया उजड़ चुकी थी। एक प्राइमरी टीचर के पुत्र अब्दुल मुबीन लखनऊ से लगभग 270 किमी दूर सिद्धार्थनगर ज़िले की तहसील नौगढ़ के बगहवा गांव में रहते थे। मुबीन चार भाई-बहनों में […]

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 भाग – 4 : बिना किसी गुनाह के 11 साल सलाखों के पीछे।

भाग – 4 : बिना किसी गुनाह के 11 साल सलाखों के पीछे।

24 सितंबर 2002 को अक्षरधाम मंदिर पर हुए आतंकी हमले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार 6 जनों को सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2014 को बरी कर दिया था। निर्दोष होते हुए भी इन सभी को अपने जीवन के 11 साल सलाखों के पीछे गुजारने पड़े। इन्हीं में से एक थे अहमदाबाद के रहने वाले मुफ्ती […]

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 भाग – 3 : दिल्ली ब्लास्ट केस, 12 साल बाद बा-इज़्ज़त बरी ?

भाग – 3 : दिल्ली ब्लास्ट केस, 12 साल बाद बा-इज़्ज़त बरी ?

दिल्ली में 2005 में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने फ़रवरी 2017 को तीन में से 2 आरोपियों मोहम्मद रफीक शाह और मोहम्मद हुसैन फाजिल को 12 साल बाद बा इज़्ज़त (?) बरी कर दिया था और एक की सजा पूरी मानी गई थी। कोर्ट ने तारिक अहमद डार को गैरकानूनी कामों […]

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 भाग – 2 : निसार अहमद 23 साल बाद बाइज़्ज़त (?) बरी।

भाग – 2 : निसार अहमद 23 साल बाद बाइज़्ज़त (?) बरी।

श्रीनगर के शम्सवाड़ी इलाक़े के रहने वाले 16 वर्षीय निसार को 15 जनवरी 1994 को पुलिस ने लाजपत नगर में हुए धमाके के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था जब वो अपने फार्मेसी कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा था। निसार कहते हैं, ‘उन्होंने मेरी गिरफ्तारी की तारीख़ भी मुझे हिरासत में लेने के नौ […]

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