बिहार के मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर संजय कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। जिससे नाराज़ तथाकथित ऊंची जाति के लोगों ने संजय कुमार को बेरहमी से पीटा और उन पर पेट्रोल डालकर उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की। बेरहमी से की गई मार पीट मे घायल हुए संजय कुमार को अस्पताल मे भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।

असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ हुई इस लिंचिंग पर जेएनयू के छात्र नेता कन्हैय्या कुमार ने नाराजगी जताई है। उन्होंने संजय कुमार की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि यह तस्वीर उन मूल्यों को खोने की भयानक असलियत सामने रखती है जिनके बिना लोकतंत्र ज़िंदा नहीं रह सकता। संजय कुमार को संघी गुंडों ने सिर्फ़ इसलिए नहीं पीटा कि वे भ्रष्ट वीसी, प्रशासन और स्थानीय पत्रकार की आलोचना कर रहे थे। उन्हें घसीटते हुए उन पर लात-घूंसे चलाने वालों को उनके जेएनयू से जुड़े होने की बात से भी चिढ़ थी।

कन्हैय्या कुमार ने कहा कि जिस जेएनयू ने हमेशा लोकतंत्र को मज़बूत बनाने का काम किया है, उसके लिए ऐसी नफ़रत पैदा करने वाली सरकार लोकतंत्र के सामने अपराधी साबित हो चुकी है। मोतिहारी के तरक्कीपसंद साथी संजय कुमार को न्याय दिलाने की मुहिम शुरू कर चुके हैं और इस मुहिम में हम सभी को शामिल होना चाहिए।

वहीं उत्तर प्रदेश के युवा नेता अमीक़ जामेई ने भी इस घटना पर नाराजगी का इजहार किया है। उन्होंने कहा है कि रोहित वेमूला के मौत के सीने पर चढ़ कर बने नेता जब अटल बिहारी वाजपाई की तारीफ़ मे पुल बांधे तो प्रो. संजय कुमार पर हमला लाज़मी है, हमने तो अटल जी पर ही सवाल उठाये है संविधान विरोधियों ने तो बाबा ए क़ौम गांधी के मरने पर मिठाइयां बाटी थी।

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