देश में बढ़ते मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामलों और इसमें सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका के चलते सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बाद सरकार ने केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, इस समिति ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्री राजनाथ की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह (जीओएम) को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
सूत्रों के अनुसार भारत में सभी वैश्विक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कंट्री प्रतिनिधि उपस्थित हैं। यदि वे अपने प्लेटफॉर्मों से आपत्तिजनक कंटेंट या वीडियो तत्काल हटाने का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
समिति की ये रिपोर्ट गृह मंत्री राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे।
ज्ञातव्य है कि पिछले एक साल में 40 लोग मॉब लिंचिंग के शिकार हो चुके हैं, और इस सरकार के 4 साल में मॉब लिंचिंग के 134 मामले दर्ज किये गए हैं, और इसी मॉब लिंचिंग पर सरकारी बेरुखी के चलते तुषार गाँधी और तहसीन पूनावाला की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसपर क़ानून बनाने की मांग भी की गयी थी, सरकार की ये कसरत सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के बाद ही शुरू हुई थी।