पिछली बार बेरुत की सड़कों पर अपनी बेटी को कंधे पर लिए पेन बेचने वाले सीरिया केअब्दुल हलीम अत्तार की कहानी आपके सामने रखी थी। जिसमें बताया गया था कि सीरिया के सीरिया केअब्दुल हलीम अत्तार जो कभी बेरुत की सड़कों पर पेन बेचा करते थे, उनकी एक तस्वीर देखकर नॉर्वे के एक सामाजिक कार्यकर्ता सिमूर सिमरसन ने उनकी मदद करने की ठानी थी, और उन्होंने ट्वीटर के ज़रिये उन्हें तलाश कर उनके लिए फण्ड जुटाकर आर्थिक मदद दी थी, जिसके चलते आज अब्दुल हलीम अत्तार तीन व्यवसायों के मालिक हैं।
अब्दुल हलीम अल अत्तार ने फंड की रकम से एक बेकरी, एक कबाब की दुकान और एक रेस्टोरेंट खोला है और यही नहीं उन्होंने 16 सीरियाई शरणार्थियों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया है।
अब्दुल हलीम अल अत्तार की इच्छा है कि सीरियाई बच्चों के लिए एक शिक्षा फंड बनाए ताकि यहाँ के बच्चो की शिक्षा के लिए बेहतर रास्ता खोला जा सके. अब्दुल हलीम अल अत्तार ने कहा है की ‘मैं दिल से उन लोगों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरी मदद की।
नॉर्वे के सामाजिक कार्यकर्ता सिमूर सिमरसन जैसे इंसानियत के पैरोकार दुनिया के मज़लूम लोगों की बेलौस मदद के लिए कभी भी उठ खड़े होते हैं, उनके लिए न मज़हब, न बोली, न मुल्क ना ही कोई सरहद रुकावट बनती है, सिमूर सिमरसन के जज़्बे और मदद को लाखों सलाम ।
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