नोएडा के एक सार्वजनिक उद्यान में प्राइवेट कंपनियों के मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज पढ़ने से रोकने के आदेशों पर बवाल अभी थमा भी नहीं कि आज ग्रेटर नोएडा के सेक्टर- 37 में सरकारी भूमि पर होने जा रही श्रीमद्भागवत कथा को भी रोक दिया गया।

Times of India की खबर के अनुसार ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 37 में एक भूखंड पर श्रीमद्भागवत कथा के लिए टेंट, दरी, लाउडस्पीकर आदि का इंतजाम किया गया था. दोपहर में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारी दस्ते के साथ पहुंचे और टेंट उखाड़ दिया, उन्होंने तर्क दिया कि इस धार्मिक आयोजन के लिए जरूरी परमीशन नहीं ली गई है, इस कार्रवाई से नाराज महिलाएं वहां धरने पर बैठ गईं।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण का कहना है कि बिना अनुमति के प्राधिकरण की संपत्ति पर किसी तरह का आयोजन नहीं करने दिया जाएगा। सेक्टर-37 में भी बिना अनुमति के आयोजन हो रहा था। इसलिए इसे रुकवा दिया गया है। प्राधिकरण का कहना है कि यह जमीन किसी को आवंटित नहीं है। यह सेक्टरवासियों की सुविधा को देखते हुए आयोजनों के लिए छोड़ी गई है। इस पर किसी तरह के आयोजन से पहले प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है।

वहीं भागवत कथा की आयोजक रिंकी बंसल का कहना है कि भगवान की कथा में अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। कुछ लोग इसकी गलत शिकायत करके माहौल खराब कर रहे हैं। वहीं आरडब्ल्यूए अध्यक्ष के पति देवराज नागर का कहना है कि कुछ लोग इसी तरह कई सेक्टरों में कब्जे करके मंदिर बनाने की कोशिश करते हैं।

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