सुदर्शन टीवी और उसके एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके पर फ़र्ज़ी ख़बरें प्रसारित करने पर केरल की कोझिकोड उप अदालत II ने 50 लाख का जुर्माना लगाया है। अदालत ने सुदर्शन टीवी को 50 लाख रुपए बतौर मुआवजा पीड़ित पक्ष को अदा करने का आदेश दिया है। कोर्ट का यह फैसला फेक न्यूज़ के धंधे पर लगाम लगाने में सहायक साबित हो सकता है।

 Times of India के अनुसार, हीरा कंपनी मालाबार गोल्ड और उसके निदेशक एम.पी. अहमद ने दिल्ली स्थित ‘सुदर्शन टीवी’ और उसके संपादक सुरेश चव्हाण के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाने के लिए मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया था।

दरअसल, दुबई में एक फाइनेंशियल कंपनी द्वारा पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसे सुदर्शन टीवी ने एक फर्जी सीडी के दृश्यों के ज़रिये इस तरह पेश किया जैसे यह आयोजन मालाबार गोल्ड की तरफ से चेन्नई में आयोजित किया गया हो।

चैनल ने 20 अगस्त, 2016 को ये विज़ुअल्स प्रसारित किये थे, जिसके बाद मालाबार कंपनी और उसके डायरेक्टर एम.पी.अहमद ने दिल्ली स्थित ‘सुदर्शन टीवी’ और इसके संपादक सुरेश चव्हाण के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए मानहानि का मामला दर्ज करवाया कि ‘सुदर्शन टीवी’ ने मालाबार गोल्ड की प्रतिष्ठा को बदनाम करने के लिए व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे फर्जी न्यूज़ प्रसारित की।

मालाबार गोल्ड ने अपनी शिकायत में कहा था कि ‘सुदर्शन टीवी’ ने एक फर्जी सीडी के दृश्यों को प्रसारित करके कंपनी की साख को प्रभावित करने का प्रयास किया। इस मसले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश आर राजेश ने मंगलवार को ‘सुदर्शन टीवी’ को मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपए मालाबार गोल्ड को देने का फैसला सुनाया।

मालाबार गोल्ड का प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर एडवोकेट पीएस श्रीधरन पिल्लई, एडवोकेट के केथा और एडवोकेट अरुण कृष्ण धन ने किया। न्यायालय के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए करते हुए कंपनी के डायरेक्टर एम.पी. अहमद ने कहा कि अदालत का यह फैसला मालाबार गोल्ड के रुख की पुष्टि करता है और यह न्याय की जीत है। इससे पहले मालाबार गोल्ड द्वारा दायर इसी तरह के एक मामले में दुबई की अदालत ने दुबई स्थित एक फाइनेंशियल कंपनी के कर्मचारी को दोषी करार दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.