दिल्ली के वजीराबाद स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को धर्म के आधार पर अलग-अलग सेक्शन में बांटने का मामला सामने आया है। विद्यालय में काम कर रहे शिक्षकों ने प्रभारी पर ऐसा करने का आरोप लगाया है।

इंडियन एक्सप्रेस   की खबर के अनुसार उत्तर दिल्ली नगर निगम द्वारा नियोजित शिक्षकों के एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि वजीराबाद स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को धर्म के आधार पर अलग-अलग सेक्शन में बांटा गया है। वजीराबाद गांव के गली नंबर 9 में स्थित नार्थ एमसीडी स्कूल के अटेंडेंस रिकार्ड की इंडियन एक्सप्रेस द्वारा 9 अक्टूबर को जांच की गई। जांच के दौरान कई बातों का खुलासा हुआ।

MCD के स्कूलों में पांचवी कक्षा तक की ही पढ़ाई होती है। शिक्षा के अधिकार एक्ट के तहत यहां हर सेक्शन में 30 बच्चे होने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। हालांकि, प्रधानाचार्य के तबादले के बाद विद्यालय के प्रभारी के तौर पर 2 जुलाई से कार्यरत शिक्षक सीबी शेहरावत ने छात्रों को धर्म के आधार पर अलग-अलग सेक्शन में बांटने की बात को गलत बताया है।

उन्होंने कहा, “कक्षाओं को सेक्शन में बांटना मानक प्रक्रिया है जो सभी स्कूलों में होती है। यह प्रबंधन का निर्णय था कि हम कुछ ऐसा करें जो सबसे अच्छा हो। स्कूल में शांति, अनुशासन और एक अच्छा सीखने का माहौल बना रहे। कभी-कभी बच्चे झगड़ भी जाते हैं। इसलिए सभी बातों का ध्यान रखा गया है।”

धर्म के आधार पर बच्चों को कुछ इस तरह से सेक्शंस में बांटा गया है :-

– वर्ग 1A: 36 हिंदू – 1B: 36 मुस्लिम
– वर्ग 2A: 47 हिंदू – 2B: 26 मुस्लिम और 15 हिंदू – 2C: 40 मुस्लिम
– वर्ग 3A: 40 हिंदू – 3B: 23 हिंदू और 11 मुस्लिम – 3C: 40 मुस्लिम – 3D: 14 हिंदू और 23 मुस्लिम
– वर्ग 4A: 40 हिंदू – 4B: 19 हिंदू और 13 मुस्लिम – 4C: 35 मुस्लिम – 4D: 11 हिंदू और 24 मुस्लिम
– वर्ग 5A: 45 हिंदू –  5B: 49 हिंदू  – 5C: 39 मुस्लिम और 2 हिंदू –  5D: 47 मुस्लिम

‘क्या बच्चों के बीच धर्म के आधार पर झगड़ा होता है?’ के सवाल पर शेहरावत कहते हैं, “इस उम्र के बच्चे धर्म के बारे में ज्यादा नहीं जानते लेकिन उनका झुकाव तो होता ही है। कुछ बच्चे शाकाहारी हैं, इसलिए इनके बीच मतभेद हो सकते हैं। हमें सभी शिक्षकों और छात्रों के हितों की देखभाल करने की आवश्यकता है।” हालांकि, स्कूल के एक सूत्र ने कहा कि शेहरावत द्वारा जुलाई में विद्यालय का प्रभार लेने के बाद ही इस साल जुलाई से धर्म के आधार पर सेक्शन शुरू किया गया। एकेडमिक सेशन अप्रैल में शुरू हुआ था।

सूत्र ने आगे बताया, “2 जुलाई तो तत्कालिन प्रिंसिपल का तबादला कर दिया गया। इसके बाद एक शिक्षक को अगले प्रिंसिपल के नियुक्त होने तक विद्यालय का प्रभार दिया गया। उन्होंने इन बदलाव की शुरूआत की। इस मामले में शिक्षकों से परामर्श नहीं किया गया। जब कुछ शिक्षकों इससे संंबंधित बात की तो आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए प्रभारी ने कहा कि उन्हें अपनी नौकरी की चिंता करनी चाहिए।”

सूत्र ने बताया कि करीब 20 दिन पहले विद्यालय के कुछ शिक्षक सिविल लाइंस स्थित एमसीडी जोनल ऑफिस में इस मामले इस मामले के बारे में अधिकारियों को जानकारी देने गए। लेकिन उनलोगों ने टारगेट होने के भय से बात लिखित में नहीं रखी। दिल्ली के उत्तर नगर निगम के शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब यह हमारे संज्ञान में आया है। हम निश्चित रूप से इसके बारे में जांच करेंगे। अगर आरोप सही हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

(फोटो प्रतीकात्मक है)

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