Hindustan Times में प्रकाशित आबशार क़ाज़ी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के छोटे से गांव गौरिया के रहने वाले मुनीर खान की क़ाबलियत का लोहा विश्व की सबसे बड़ी भौतिकी प्रयोगशाला CERN ने भी माना है, और उन्हें 95 लाख रूपये के सालाना पैकेज पर जेनेवा में असिस्टेंट सिस्टम इंजीनियर के पद पर नियुक्ति दी गयी है।
गरीब घर से ताल्लुक़ रखने वाले मुनीर खान के पिता जी का लम्बी बीमारी के चलते निधन हो चुका है, उनके दो भाई और तीन बहनें हैं, बहनों की शादी हो चुकी है, भाई किराना स्टोर चलाते हैं, अभावों के बावजुद मुनीर खान ने हार नहीं मानी और कैसे भी करके अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल में जारी रखी, वो अपने परिवार में पहले स्नातक हैं !
मुनीर खान ने वर्ष 2014-15 में कोटा में कॅरियर पॉइंट में कोचिंग ली थी और IIT JEE परीक्षा की तैयारी की थी। ऑल इंडिया स्तर पर आयोजित परीक्षा एवं इंटरव्यू को पास करने के बाद भौतिकी प्रयोगशाला यूरोपियन काउंसलिंग फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सीईआरएन) में 98 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर मुनीर का चयन हुआ है।
भौतिकी प्रयोगशाला CERN का नाम तब प्रकाश में आया जब उसने जेनेवा में Large Hadron Collider; LHC (लार्ज हेड्रॉन कोलाइडर) प्रयोग शुरू किया था, फ्रांस और स्विटजरलैंड की सीमा पर जिनेवा के उत्तर-पश्चिमी उप नगरीय क्षेत्र में स्थित इस लैब में देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक शोध करते है। इस संस्था में बीस यूरोपीय सदस्य देश है।
मुनीर खान का चयनएक्सएलआईएम रिसर्च इंस्टीट्यूट, लिमोस फ्रांस विश्वविद्यालय में यूजी रिसर्च प्रोजेक्ट प्रोग्राम, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में परियोजना इंटर्नशिप के लिए भी हुआ था। मुनीर को दो बार उत्तराखंड सरकार द्वारा भी युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा गया है।
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