भाजपा और राम का सम्बन्ध कोई नया नहीं है, भाजपा ने राम के सहारे ही इस बार भी फिर से सत्ता पायी है, इससे पहले भी भाजपा ने रथयात्रा निकाल कर उन्माद भड़काया था, राम मंदिर के नाम पर लोगों की आस्था और भावनाओं से खिलवाड़ किया था और सत्ता हासिल की थी, वही फार्मूला 2014 में भी काम में लिया गया था और अभी भी जारी है, मगर राम मंदिर के नाम पर सत्ता पाने वाली भाजपा इस बार इस मामले में फंसी नज़र आ रही है, भाजपा के बगल बच्चे हिन्दू संगठनों ने भी राम के नाम पर जमकर चंदा उगाही की है, और जनता को राजनीती के साथ मिलकर मूर्ख बनाया है, इन्ही संगठनों ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से बहुत पहले ही शिलायें तराशने और श्रीराम का नाम लिखी ईंटें बनवाकर इकठ्ठी कर लीं थीं।
अब राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद सर्वोच्च न्यायलय में लंबित है और 10 जनवरी से इसकी सुनवानी शुरू होनी है और ये मामला और सुनवाई न जाने कहाँ तक खींचे, तो राम मंदिर का लॉलीपॉप दिखाएँ जाने के चलते श्रीराम का नाम उकेरी ईंटें किसी और काम में ली जाने लगी हैं।
अब आज ट्वीटर पर श्रीराम का नाम लिखी ईंटों के नाली जैसी जगह पर लगाए जाने के फोटोज़ वायरल हो रहे हैं, @PriyankaShrma नाम की यूज़र ने अपने ट्वीट में तीन फोटो टवीट कर इसको सामने रखा है, जिसमें साफ नज़र आ रहा है कि श्रीराम का नाम उकेरी ईंटें नाली में लगाईं हुई हैं, आप इन तीनों फोटोज़ को ज़ूम करके देखेंगे तो इनपर श्रीराम का नाम उकेरा हुआ साफ़ नज़र आएगा, जो कि कोई चौथी पास बच्चा भी आसानी से पढ़ सकता है।
वहीँ दूसरी ओर Teesri Jung नामक एक पोर्टल ने भी इस सम्बन्ध में एक खबर प्रकाशित की है जिसका शीर्षक है ‘आस्था से कमाई और उगाही : राम-मंदिर के नाम पर जमा की गई ईंटें अब योगी सरकार के ठेकेदार अयोध्या में नाली बनाने में लगा रहे हैं।’
और साथ ही तीसरी जंग ने इन तीनों फोटोज़ को टवीट भी किया है। ये दुखद और शर्म की बात है कि मर्यादा पुरषोत्तम राम का नाम लिखी इन ईंटों को इस तरह से नाली जैसे स्थान पर लगाया जा रहा है मगर किसी भी भक्त की भावनाएं आहत नहीं हो रही हैं, न लोगों को ये दुरूपयोग नज़र आ रहा है ना ही प्रशासन को, ना ही किसी राजनेता को।
अब या तो इस तरह की ईंटों के निर्माण पर रोक लगाईं जाए या फिर इस तरह के दुरूपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाही की जाये, या फिर घोषणा कर दें कि राम मंदिर आपके लिए केवल राजनैतिक मुद्दा है, श्रीराम का नाम लिखी ईंटें जहाँ चाहो लगाओ हमें कोई लेना देना नहीं है।
श्रीराम का नाम लिखी इन ईंटों का भारत जैसे देश में ऐसा दुरूपयोग दुखद और निंदनीय है, वहीँ दूसरी ओर देखा जाए तो ये दुरूपयोग ठीक गौरक्षा पॉलिटिक्स की तरह है जहाँ गौ रक्षा के लिए ज़िंदा इंसान पीट पीट कर मार दिए जाते हैं तो सड़कों पर लावारिस गायों की मौत पर किसी गौ रक्षक को दुःख नहीं होता, या गौशालाओं में एक ही दिन में सैंकड़ों गायों के मर जाने पर भी किसी की भावना आहत नहीं होती।
टवीट्स और वेब पोर्टल में कहीं भी ये बात कही स्पष्ट नहीं हुई कि ये ईंटें किस राज्य , शहर, क़स्बे या गांव या इलाक़े में किसके द्वारा लगाईं गयीं हैं।
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