साल 2017 की शुरुआत में राजस्थान के अलवर जिले में कथित गौ-तस्करी के आरोप में पहलू खान नामक व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला गया था। अब खबर आयी है कि शनिवार को पहलू खां हत्याकांड में गवाही देने आ रहे इरशाद ने अलवर पुलिस अधिक्षक को शिकायत की है कि गवाही देने आते वक्त उन पर रास्ते में फायरिंग की गई। इरशाद के साथ गवाह अजमत, रफ़ीक़, आरिफ और मानव अधिकार कार्यकर्ता असद हयात भी घटना के वक्त मौजूद थे।

 जनसत्ता में प्रकाशित खबर और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता और वकील असद हयात साहब की फेसबुक पोस्ट के अनुसार आज सुबह करीब 9 बजे एनएच 8 पर बहरोड़ के पास एक गाड़ी ने उन्हे रुकने के लिए कहा। गाड़ी न रोकने में दूसरी गाड़ी में सवार युवक ने फायर कर दिया।

जिसके बाद वे गाड़ी दौड़ा के बहरोड़ की तरफ चले गए। वहीं इरशाद साथी गवाहों के साथ गाड़ी अलवर वापस आ गया। ये सभी लोग गवाही देने बहरोड़ कोर्ट जा रहे थे। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की गहनता से जांच की जाएगी। साथ ही हाइवे पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी चैक किए जाएंगे।

चश्मदीदों के अनुसार, इस काली एसयूवी पर कोई नंबर प्लेट भी नहीं थी। यह हमला उस वक्त किया गया, जब पहलू खाने मॉब लिंचिंग मामले की सुनवाई के बाद पहलू खान के बेटे अलवर के बहरोड़ लौट रहे थे।

साल 2017 के अप्रैल माह में राजस्थान के अलवर में कथित गौरक्षकों की एक भीड़ ने गायें लेकर जा रहे कुछ लोगों की बुरी तरह से पिटाई कर दी थी। इस पिटाई में 55 वर्षीय पहलू खान को गंभीर चोटें आयी थीं, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस हादसे में कई लोगों को चोटें भी आयीं थी।

बाद में सितंबर 2017 में राजस्थान पुलिस ने इस मामले में नामजद 6 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी। इस पर पहलू खान के परिजनों ने आपत्ति जतायी थी और उच्च स्तरीय स्तर पर इस मामले की जांच की मांग की थी। फिलहाल पहलू खान की हत्या के मामले में 9 लोग आरोपी हैं। 6 लोगों को क्लीन चिट दिए जाने के मुद्दे पर राजस्थान पुलिस ने कहा कि मौके पर मौजूद लोगों द्वारा दिए गए बयानों, फोटो, मोबाइल फोन लोकेशन आदि की जांच के बाद ही क्लीन चिट दी गई है। उल्लेखनीय है कि पहलू खान ने अपनी मौत से पहले भीड़ में शामिल लोगों के नाम बताए थे, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की थी।

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