कल ही मोदी सरकार ने सवर्णों के लिए 10 % आरक्षण की घोषणा की थी, और कल ही मोदी सरकार के लिए एक बुरी खबर भी आयी है, वो ये कि देश में बेरोज़गारी 27 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है। जो कि 2016 के बाद सबसे ज़्यादा है।
Indian Express की खबर के अनुसार Centre for Monitoring Indian Economy (CMIE) की ओर से कल यानी 7 जनवरी 2019 को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2018 में अनुमानित बेरोजगारी दर 7.38 प्रतिशत के 27 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में देश में 1 करोड़ नौकरियां चली गईं।
आंकड़ों के अनुसार इन 1 करोड़ नौकरियों में से 91 .4 लाख यानी 83 % नौकरियां ग्रामीण क्षेत्रों से खत्म हुई हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में कुल 1.1 करोड़ वेतन कर्मी बेरोजगार हुए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2018 तक कुल 39.69 करोड़ काम करने वाले उम्र के लोग कार्यरत हैं। बता दें कि CMIE की ये रिपोर्ट, 1,58,000 से अधिक घरों के पैनल साइज पर आधारित है। सीएमआईई डेटा यह भी दर्शाता है कि बेरोजगारी में वृद्धि के साथ-साथ श्रम भागीदारी दर में भी गिरावट आई है।
वहीँ दूसरी ओर दिसंबर 2018 में बेरोजगारी की दर 7.38 प्रतिशत और नवंबर 2018 में 6.62 प्रतिशत रही। वहीं पिछले साल दिसंबर 2017 में बेरोजगारी की दर 4.78 प्रतिशत थी। इस हिसाब से सिंतबर 2016 के बाद बेरोजगारी दर में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरीपेशा लोगों की संख्या दिसंबर 2017 में 26.94 करोड़ से घटकर दिसंबर 2018 में 26.03 करोड़ हो गई। शहरी क्षेत्रों 17.9 लाख नौकरियां कम हो गई हैं। क्योंकि इनकी संख्या 13.84 करोड़ से गिरकर 13.66 पर आ गई है।
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