बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड जिसमें भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी थे दुनिया भर में सुर्खियों में रहा, और ताज़ा मामला भी उन्नाव से ही है जहाँ कि बलात्कार पीड़िता को ज़िंदा जला दिया गया था, जिसने कल रात अस्पताल में दम तोड़ दिया।

कुलदीप सिंह सेंगर मामला अभी तक अदालत में लंबित है। राम राज्य का नारा देने वाले उत्तरप्रदेश के उन्नाव ज़िले से बलात्कार के जो आंकड़े निकले हैं वो डराने वाले हैं, साल 2019 के केवल 11 महीनों में ही उन्नाव में 86 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं।

National Herald के अनुसार जनवरी 2019 से लेकर नवम्बर 2019 तक उन्नाव ज़िले में बलात्कार के 86 और यौन उत्पीड़न के 185 मामले सामने आये हैं।और लखनऊ से इसकी दूरी 63 Km और कानपुर से लगभग 25 Km की दूरी पर स्थित उन्नाव ज़िले की जनसंख्या 31 लाख है।

रेप और यौन उत्पीड़न के अधिकतर मामले उन्नाव ज़िले के अजगैन, बांगरमऊ और माखी में दर्ज किए गए हैं, इनमें से ज़्यादातर मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद या तो उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया, या फिर वो फरार चल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक और BJP सांसद साक्षी महाराज सहित प्रदेश के कुछ आला नेता उन्नाव से ही आते हैं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्नाव की पुलिस पूरी तरह से राज नेताओं के मन मर्ज़ी के अनुसार ही काम करती है, जब तक उन्हें अपने आकाओं से इजाजत नहीं मिलती वे ज़रा भी नहीं हिलते हैं। इस रवैये से अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं। उन्नाव की राजनीति से अपराध को बढ़ावा मिलता है, यहाँ के नेता अपराध का इस्तेमाल राजनीति में कर रहे हैं और पुलिस उनकी हितैषी बनी हुई है।

इसका एक उदाहरण ये है कि उन्नाव रेप पीड़िता (जिसमें कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं) ने जब पहली FIR दर्ज कराई थी तो 9 महीने तक उसपर कोई कार्रवाही नहीं हुई थी, अंत में रेप पीड़िता ने मजबूर होकर लखनऊ आकर मुख्यमंत्री होगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की थी।

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