तेलंगाना उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि पुलिस एनकाउंटर में मारे गए महिला पशुचिकित्सक से बलात्कार और हत्या के चारों आरोपियों के शव 9 दिसंबर तक संरक्षित रखे जाएँ। Times Of India के अनुसार तेलंगाना हाई कोर्टने यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को मिले एक प्रतिवेदन पर दिया, जिसमें घटना पर न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि यह एनकाउंटर नहीं बल्कि ‘न्यायेतर हत्या’ है।

नेशनल एलायंस ऑफ़ पीपुल्स मूवमेंट National Alliance of People’s Movements (NAPM) के सदस्यों और अन्य महिला समूहों के कार्यकर्ताओं द्वारा दायर प्रतिवेदन को याचिका में परिवर्तित करने के बाद ये आदेश दो जजों की बेंच द्वारा पारित किया गया जिसकी अध्यक्षता जस्टिस एमएस रामचंद्र राव ने की, न्यायमूर्ति के लक्ष्मण इस बेंच के दूसरे जज हैं।

इसके अलावा, HC ने निर्देश दिया है कि चारों आरोपियों का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद पोस्टमार्टम का वीडियो एक कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) या पेन-ड्राइव में प्रधान जिला न्यायाधीश, महबूबनगर को सौंपा जाए।

तेलंगाना के महाधिवक्ता ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि चारों आरोपियों के शवों का पोस्टमार्टम महबूब नगर के सरकारी जिला अस्पताल में अस्पताल के अधीक्षक और गांधी अस्पताल के डॉक्टरों की एक फोरेंसिक टीम की देखरेख में किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम परीक्षा की वीडियो ग्राफी भी की जा रही है।

सामाजिक और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस एनकाउंटर को हत्याएं बताते हुए इसे “असभ्य और क्रूर” करार दिया और इस एनकाउंटर की ज़मीनी सच्चाई जानने के लिए और तथ्यात्मक जांच करने के लिए अपने स्वयं के पर्यवेक्षक को भेजने के लिए भी उच्च न्यायालय से अनुरोध किया। उन्होंने इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का आदेश देने का भी आग्रह किया।

आरोपी मोहम्मद आरिफ, नवीन, शिवा और चेन्नाकेशवुलु आज तड़के चंदनपल्ली, शादनगर में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। अदालत इस एनकाउंटर के खिलाफ प्रतिवेदन पर 9 दिसंबर को सुबह 10:30 बजे सुनवाई करेगा, मानवाधिकार आयोग की टीम भी कल 7 दिसंबर को हैदराबाद जाएगी

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