कश्मीर के कुंजेर की रहने वाली 14 साल की रुबायता उमीद आम हम उम्र बच्चों की तरह ही है, वो स्मार्ट फ़ोन पर गेम खेलती है, अपने कज़िन्स के साथ खेलती है, मगर जब वो किसी सोच में होती है तो उस बच्ची की कल्पना उड़ान लेने लगती है।

कश्मीर रीडर की खबर के अनुसार इसी साल की बात है जब रुबायता छुट्टियों में अपनी माँ के साथ हिमाचल प्रदेश गयी तो वापसी में उसने एक नावेल तैयार कर ली थी जिसमें अंतरिक्ष की दो हुकूमतों की कहानी है, नावेल का टाइटल था ‘Wizards X Beasts’, यानी एक हुकूमत हुनरमंदों की है और एक शैतानों की।

अपने नावेल के किरदार तैयार करना, कहानी को लफ़्ज़ों में पिरोना और डायलॉग लिखना एक छोटी सी बच्ची के लिए वाक़ई कमाल की बात है। रुबायता कहती है कि “जब मैं सोचती हूँ तो ख्याल आते हैं फिर मैं इन्ही ख्यालों की कहानी बनाती हूँ।”

रुबायता की माँ डॉक्टर हमीदा कहती है कि पहली बार उनकी बेटी अपने स्कूली सेलेबस से बाहर लिखने लगी तो उन्होंने ये सोचकर उसकी हौंसला अफ़ज़ाई की कि इससे उसकी इंग्लिश तो अच्छी हो ही जाएगी, लेकिन मैं हैरान हो गयी जब मैंने उसकी कहानी का पहला चेप्टर पढ़ा।

रुबायता के इस नावेल को नोशन प्रेस ने प्रकाशित किया है, उसका दूसरा नावेल ‘Zero’ एक ऐसे फुटबॉल खिलाडी से सम्बंधित है जो पढाई में कमज़ोर है मगर फुटबॉल का शौक़ीन है, ये नावेल अभी प्रकाशित नहीं हुआ है, रुबायत अपना तीसरा नावेल लिख रही हैं जिसका टाइटल है ‘Blood Rain’ है, इसमें रुबायत ने 50 साल बाद की दुनिया की कल्पना को कहानी के रूप में ढाला है।

इतनी छोटी सी उम्र में अपने नोवेल्स और कहानी की गुणवत्ता को लेकर वैश्विक मीडिया में वो चर्चा का विषय बनी हुई है।

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