प. बंगाल के मुर्शिदाबाद में पुलिस ने एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्त्ता और उसके पांच साथियों को ट्रेनों पर पत्थरबाज़ी करने के आरोप में बुधवार को हिरासत में लिया है, हिरासत में लेते समय वो सभी टोपियां और लुंगी पहने हुए थे। स्थानीय लोगों ने उन्हें कथित तौर पर ट्रेन के इंजन पर पत्थर फेंकते हुए पकड़ा था।

Telegraph India की खबर के अनुसार मुर्शिदाबाद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन सभी लोगों को स्थानीय लोगों द्वारा कथित रूप से सियालदह-बाउंड परीक्षण इंजन पर पत्थर फेंकते हुए पकड़ा गया और जिन्हे बाद में मुर्शिदाबाद पुलिस ने हिरासत में लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार इस गिरोह ने पहले रेलवे लाइन के पास ही अपने कपड़े बदले थे। पुलिस के अनुसार इन छह लोगों में 21 वर्षीय अभिषेक सरकार शामिल हैं, जो एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता है।

जिला पुलिस प्रमुख मुकेश ने कहा कि पकडे जाने के बाद इन युवकों ने दावा किया कि वोअपने YouTube चैनल हेतु वीडियो शूट करने के लिए लुंगी और टोपी पहनी थी। लेकिन वो लोग ऐसे किसी भी चैनल के अस्तित्व को साबित नहीं कर सके।

राधामाधबटला निवासियों ने कहा कि पड़ोस के श्रीसनगर में रहने वाला अभिषेक को भाजपा की सभी स्थानीय रैलियों में सबसे आगे देखा जाता रहा है। एक ग्रामीण ने गुरुवार को कहा, “जब इन युवकों ने रेलवे लाइन के पास अपने कपड़े बदले, तो हमें शक हुआ।” “हम अभिषेक को जानते थे इसलिए हमने उनका सामना करने का फैसला किया।”

सूत्रों के अनुसार इस गिरोह का सातवां सदस्य भी था जो हिरासत में लेने से पहले ही फरार हो गया, बाक़ी छह से गुरुवार को बेहरामपुर पुलिस स्टेशन में पूछताछ की जा रही थी।

स्थानीय भाजपा सूत्रों ने पुष्टि की कि अभिषेक सरकार उनका पार्टी कार्यकर्ता है, लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष गौरी शंकर घोष ने कहा: “वह हमारी पार्टी का सदस्य नहीं हैं। हमें राधामाधबल में हुई घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं है।”

कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक रैली में कहा था कि “नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा करने वालों को कपड़ों से पहचाना जा सकता है।”

इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को इस घटना का उल्लेख किए बिना आरोप लगाया कि भाजपा सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए एक विशेष समुदाय पर दोष मढ़ने और उन्हें आरोपी साबित करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को पहनाने के लिए टोपियां लुंगियां खरीद रही है।

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