20 मार्च को 24 वर्षीय कश्मीरी छात्र अबराह जहूर धर को दक्षिण-पूर्व बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के मुख्यालय के पास युवकों ने पीटा था। इस घटना की रिपोर्ट एक पत्रकार फवाद शाह ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी थी।
फवाद शाह ने टवीट किया : “24 साल के कश्मीरी छात्र अबराह जहूर धर की बेंगलुरु में पिटाई की गई। अबराह जहूर, जो मॉडलिंग करके अपनी पढ़ाई का खर्च उठाता है, का कहना है,” वे मुझे मार सकते थे, मैं डर में जी रहा हूं, कॉलेज नहीं जा रहा हूं क्योंकि हमलावर मेरे घर के सामने ऐसे घूमते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। ”
India Today के अनुसार एक दिन बाद, एक IPS अधिकारी अब्दुल अहद ने अपने टवीट के जारिए फवाद शाह को जवाब दिया, और उन्हें “सार्वजनिक क्षेत्र में जांच के विषय पर चर्चा” और “इस अवैध व्यवहार” के खिलाफ चेतावनी दी। IPS अधिकारी ने पत्रकार पर “लोगों को उकसाने” का भी आरोप लगाया।
IPS अधिकारी अब्दुल अहद ने आगे कहा : “श्री फ़हद शाह, आप सार्वजनिक डोमेन में जांच के विषय पर चर्चा कर रहे हैं जो कि एक अपराध है। चार दोषियों को गिरफ्तार किया गया है और 107 सीआरपीसी कार्यवाही चल रही है। आपको इस अवैध व्यवहार के खिलाफ चेतावनी दी जाती है।”
Absar Zahoor Dhar, 24-yr-old Kashmiri student has been beaten up in Bengaluru. Dhar, who funds his studies by modelling, says “They could have killed me… I’m living in fear, not attending college as the assailants roam free in front of my house as if nothing happened.” #kashmir pic.twitter.com/TcfeLbOFn1
— Fahad Shah (@pzfahad) March 24, 2019
पत्रकार फवाद शाह ने IPS अधिकारी के टवीट का जवाब दिया और बताया कि एक कश्मीरी युवक पर हमले के बारे में उनका टवीट पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में था और यह न तो चर्चा थी और न ही एक राय थी।
फवाद शाह ने कहा कि उन्होंने क्या ट्वीट किया (जो एक चर्चा या एक राय नहीं थी) पहले से ही एक समाचार पत्र में प्रकाशित हो चुका था। “शायद ये देखा जाना चाहिए कि पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में क्या है। ”
As much as I have tweeted here (which is not a discussion or an opinion) was already published in newspaper – perhaps it should be found what’s already in public domain. Thanks.
— Fahad Shah (@pzfahad) March 24, 2019
टवीटर पर जब बात बढ़ी और ये मामला AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की नज़र में आया तो उन्होंने भी IPS अधिकारी की खिंचाई करते हुए अपने टवीट में कहा कि “मोहतरम आली जनाब, महामहिम, बेशक आप गिरफ्तार कर सकते हैं, जेल में डाल सकते हैं, आपके पास सारी शक्तियां हैं, लेकिन याद रखें कि आप भारत के संविधान से बंधे हुए हैं। मैं आपकी याददाश्त ताज़ा कर देता हूँ, फ़्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन अभी भी एक मौलिक अधिकार है जिसे कोई भी DCP किसी भी भारतीय से नहीं छीन सकता, समझा। ”
Muhtaram,Aali Janab ,Your Excellency of course you can arrest,jail you have all the Taqaat remember you are bound by Constitution of INDIA ,let me refresh your memory Freedom of Expression is still a Fundamental Right which NO DCP can take it from any Indian Samjha
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 25, 2019
IPS अधिकारी की पत्रकार के साथ इस तरह के बर्ताव की काफी लोगों ने टवीटर पर प्रतिक्रिया दी और आलोचना की। कई हस्तियों ने इस बात का समर्थन किया कि हमले की खबर का एक हिस्सा टवीटर पर शेयर करना अपराध नहीं हो सकता।
एमनेस्टी इंडिया ने भी पत्रकार फवाद शाह का समर्थन करते हुए IPS अधिकारी को लताड़ लगते हुए टवीट किया कि “किसी पत्रकार को गिरफ़्तार करना या चुप कराना, स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन है।”
एमनेस्टी इंडिया ने टवीट किया कि “हमले के बारे में बात करना कोई अपराध नहीं है। लेकिन पुलिस पत्रकार को गिरफ्तार करने और चुप कराने की धमकी दे रही है ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।”
Dear @dcpwhitefield, talking about an assault is not a crime. But police threats to arrest and silence a journalist is a violation of the right to free expression.@pzfahad https://t.co/XpjGJ0pRTc
— Amnesty India (@AIIndia) March 25, 2019
वहीँ कई यूज़र्स ने भी IPS अधिकारी के रवैये का विरोध किया, एक यूज़र वैभव विशाल ने टवीट कर अपना विरोध कुछ इस तरह से दर्ज कराया ।
Are you threatening him, sir? Because it sure sounds like that. The cops exist to protect us and not to intimidate us. Also, will you threaten me with arrest now since I’m tweeting this, and call it preventing a public servant from lawfully performing his official duty, eh?
— Vaibhav Vishal (@ofnosurnamefame) March 25, 2019
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