न्यूज़ीलैण्ड हेराल्ड के अनुसार 15 मार्च 2019 को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च मस्जिद पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान श्वेत वर्चस्व वादी, सशस्त्र आतंकी से निहत्थे भिड़ जाने वाले दो बहादुरों को देश के सबसे महान वीरता पुरस्कार से नवाजा गया।
इस हमले में 51 नमाज़ी मारे गए थे, डॉ. नईम राशिद को मरणोपरांत और बचे हुए अब्दुल अज़ीज़ को उस आतंकी हमले और सशस्त्र हमलावर टेरेंट से निहत्थे भिड़ जाने और उस पर काबू पाने के उनके बहादुरी और साहसी कार्यों के लिए देश के सर्वोच्च पुरस्कार न्यूजीलैंड क्रॉस ( Victoria Cross for New Zealand for gallantry) से सम्मानित किया गया है।
घटनास्थल से कार में भागने की कोशिश कर रहे बंदूकधारी टैरेंट को पकड़ने वाले दो पुलिस अधिकारियों सहित आठ और लोगों को भी बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
न्यूज़ीलैण्ड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डन ने कहा कि सम्मानित लोगों की बहादुरी और साहस ने ही मृतकों की संख्या को और अधिक होने से रोका। उन्होंने कहा, “न्यूजीलैंड के इन लोगों द्वारा दिखाया गया साहस निस्वार्थ और असाधारण था, उस दिन उनके कार्यों के लिए उनके मन में गहरा सम्मान और आभार है।”
15 मार्च 2019 को पहले न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की अल-नूर मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के दौरान श्वेत दक्षिणपंथी टैरेंट ने हमला किया और फिर एक लिनवुड मस्जिद गया और नमाज़ियों का नरसंहार करने के लिए लाइव हो गया।
![मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले डॉ. नईम राशिद और उनके साथ मारा गया उनका बेटा तलहा.](http://observerviews.com/wp-content/uploads/2021/12/naeem-1024x577.jpg)
डॉ. नईम राशिद अल-नूर मस्जिद में थे और कंधे में गोली लगने के बावजूद उसने हमलावर टैरेंट को जबरन गिराकर निहत्था करने की कोशिश की थी। उसी दौरान टैरेंट ने डॉ. नईम राशिद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, इस हमले में उसका बेटा तलहा भी मारा गया था, लेकिन डॉ. नईम राशिद की हरकतों ने हमलावर का ध्यान भटका दिया, जिससे कई लोग मस्जिद से निकल भागने में कामयाब हो गए थे।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले दूसरे व्यक्ति अज़ीज़ ने टैरेंट का सामना किया, उस पर एक क्रेडिट कार्ड भुगतान मशीन फेंक मारी और फिर उसे एक कार पार्क में बाहर आने के लिए उकसाया। अब्दुल अज़ीज़ ने टैरेंट द्वारा छोड़ी गई एक ख़ाली राइफल को भी टैरेंट पर तान दिया, जिससे बंदूकधारी उसे लोड समझ कर डर कर भाग गया।
![बहादुरी पुरस्कार प्राप्त करने वाले दूसरे व्यक्ति अब्दुल अज़ीज़.](http://observerviews.com/wp-content/uploads/2021/12/aziz.jpg)
न्यायाधीश ने पिछले साल टैरेंट को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, उसके कार्यों को ‘कायरतापूर्ण’ और ‘अमानवीय’ बताया था। न्यूजीलैंड के इतिहास में पहली बार टोरेंट को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
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