सोशल मीडिया पर आंसू गैस के ग्रेनेड्स में फूल उगाती एक बुज़ुर्ग औरत का फोटो कई बार शेयर किया जाता रहा है, आइये आपको इसके पीछे की कहानी बताते हैं।

इस फोटो के पीछे की दर्दभरी कहानी पता चली डेमिलक्ड.कॉम पर जो कुछ इस तरह से है कि 2009 की बात है जब फिलस्तीन के गांव बिलिन में इज़राईल के खिलाफ अहिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान इज़राइली सेना ने बासेम अबू रहमान के सीने पर हाई पावर आंसू गैस का ग्रेनेड्स सीधा दाग़ दिया था, जिससे उसकी वहीँ मौत हो गयी थी।

शहीद बासेम अबू रहमान की माँ सबीहा अबू रहमान ने अपने शहीद हुए बेटे और अन्य शहीदों के स्मारक के तौर पर उस जगह इज़राइल द्वारा दागे गए आंसू गैस के ग्रेनेड्स इकठ्ठे कर उनमें फूल उगाना शुरू कर दिए जिसमें उन्हें बिलिन के नागरिकों का भी पूरा सहयोग मिला।

 

सबीहा अबू रहमान के इस प्रयास ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया, और देखते ही देखते आंसू गैस के ग्रेनेड्स में उगते फूलों के फोटो दुनिया भर में कई तरह से शेयर होने लगे, मगर ग्रेनेड्स में उगते फूलों के पीछे छुपे एक माँ के दर्द और अपने शहीद हुए बेटे के लिए उनकी खिराज-ऐ-अक़ीदत को मीडिया और दुनिया ने नज़र अंदाज़ कर दिया।

आप नेट पर अगर ‘Palestinian woman plants flowers in tear gas shells’ सर्च करेंगे तो आपको ऐसे सैंकड़ों फोटो मिल जायेंगे मगर उन फोटोज़ के पीछे की असल मर्मस्पर्शी कहानी शायद ही नज़र नहीं आये।

पूंजीवाद, साम्राजयवाद और विस्तारवाद के पीछे लपलपाती हथियार लॉबी ने न सिर्फ फिलस्तीन बल्कि सीरिया, मिस्र, अफगानिस्तान, यमन, ईराक़ जैसे कई देशों को जहन्नुम बना कर रख दिया है, रोज़ न जाने कितने बासेम अबू रहमान जैसे नौजवान इन हथियारों की भेंट चढ़ते होंगे।

काश कि लोग समझ पाते कि :

इकट्ठा कर लिया हथियार जितना लड़ने वालों ने !
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जमा करते जो इतने फूल, तो दुनिया महक उठती !!
~अनजान~

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