पूरे फ्रांस में इस्लामोफोबिक हमले लगातार जारी हैं, ताज़े दो मामले सामने आये हैं जहाँ दक्षिण-पश्चिमी प्रांत लूत-एट-गेरोन में हलाल मांस बेचने वाले एक मुस्लिम क़साई और एक मुस्लिम के किराने की दुकान को रविवार रात निशाना बनाया गया। TRT World की खबर के अनुसार बॉन-एनकोंट्रे शहर में दुकान में आगजनी करने वाले दीवार पर दो स्वास्तिक के निशान भी बना कर गए। शहर के फायर ब्रिगेड ने बताया कि दुकान पूरी तरह से जल गई थी, लेकिन किसी को नुकसान नहीं हुआ। इस मामले में सरकारी वकील ने जांच शुरू कर दी है।

बढ़ते इस्लामोफोबिक हमले :

इससे पहले हुई अन्य इस्लामोफ़ोबिक घटनाओं में जो दक्षिण-पश्चिमी प्रांत टूलूज़ में हुआ था, एक सुअर का सिर और खाल एक इस्लामिक सामुदायिक केंद्र के सामने फेंके गए थे। स्थानीय मीडिया से बात करते हुए मुस्लिम समुदाय के नेता अब्देलतीफ मेलौकी ने देश भर में बढ़ते इस्लामोफोबिक हमलों की ओर ध्यान आकर्षित किया।

इस बीच यूरोपियन कलेक्टिव फॉर स्ट्रगल अगेंस्ट इस्लामोफोबिया (European Collective for Struggle against Islamophobia) नामक एक गैर-लाभकारी संस्था ने हमलों के लिए ज़ोन इंटरडाइट (Zone Interdite) नामक एक टीवी कार्यक्रम को ज़िम्मेदार बताया जो विशेष रूप से कट्टरपंथी इस्लामवाद के कथित खतरे पर केंद्रित है।

एक निगरानी समूह के प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी यूरोप के सबसे बड़े मुस्लिम समुदाय के घर फ्रांस में इस्लामोफोबिक घटनाओं की संख्या धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति सरकार के रुख पर विवाद के बीच पिछले साल तेजी से बढ़ी है।

नेशनल ऑब्जर्वेटरी ऑफ इस्लामोफोबिया (National Observatory of Islamophobia) के प्रमुख अब्दुल्ला ज़ेकरी के अनुसार, 2020 में फ्रांस में मुसलमानों पर 235 हमले हुए, जो पिछले वर्ष 154 थे, इसका प्रतिशत बढ़कर 53% हो गया। एनाडोलू एजेंसी (एए) (Anadolu Agency (AA)) द्वारा की गई टिप्पणी के अनुसार जेकरी ने एक बयान में कहा कि ज्यादातर हमले देश के इले-डी-फ्रांस (ग्रेटर पेरिस), रोन्स-आल्प्स और पाका क्षेत्रों में हुए। जेकरी ने कहा कि उसी साल मस्जिदों पर हमलों में भी 35% की बढ़ोतरी हुई है।

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