गुजरात में पैदा हुए और बाद में पाकिस्तान चले गए अब्दुल सत्तार एधी द्वारा स्थापित एधी फाउंडेशन किसी परिचय का मोहताज नहीं है। भारत में एधी फाउंडेशन का नाम तब चर्चा में आया था जब वहां से गीता नामक लड़की को मीडिया के ज़रिए एक इवेंट टाइप आयोजन कर भारत लाया गया और राजनैतिक हित साधने की कोशिश की गई थी। आज वो कहां किस हाल में है पता नहीं।

पाकिस्तान स्थित एधी फाउंडेशन से जुड़ी हज़ारों प्रेरणा दायक कहानियों में एक कहानी तब दुनिया के सामने आई जब अप्रैल 2022 में अब्दुल सत्तर एधी की बीवी बिलकिस एधी की मौत के बाद अमरीका में NIKE में एनालिस्ट के पद पर काम कर रही एक लड़की ने लिंक्डिन पर एक भावात्मक पोस्ट शेयर की जिसे पढ़कर लोगों का मन भीग गया।

उस लड़की का नाम था राबिया बीबी ओसमान, 29 साल पहले उसे कोई एधी फाउंडेशन के बाहर लगे झूले में छोड़ गया था। एधी फाउंडेशन के बाहर एक झूला रखा रहता है जहां लिखा होता है कि “क़त्ल ना करें झूले में डाल दें, एक गुनाह करके दूसरा गुनाह क्यों मोल लेते हो ? जान अल्लाह की अमानत है।”

‘एधी झूला’ जहाँ अनचाहे नवजात छोड़ जाने की विनती लिखी है।

अब्दुल सत्तार एधी की बीवी बिलकिस एधी ने अपना पूरा जीवन एधी फाउंडेशन को समर्पित कर दिया था, एक धर्मार्थ संगठन जिसे उन्होंने अपने पति अब्दुल सत्तार ईधी के साथ स्थापित किया था, जिनका 2016 में निधन हो गया था। एधी फाउंडेशन अनाथालय, आश्रय गृह, लंगर, वरिष्ठ देखभाल केंद्र, मुर्दाघर, अंतिम संस्कार गृह और सबसे बड़ी राष्ट्रव्यापी एम्बुलेंस और एयर एम्बुलेंस सेवा संचालित करता है।

बिलकिस एधी ने उस बच्ची को राबिया बीबी ओसमान का नाम दिया, उसे पढ़ाया लिखाया और हर संभव संबल दिया। उसके सपनों को पंख दिए, वो बच्ची पढ़ लिख कर अमरीका में नाइक जैसी बड़ी कंपनी में डाटा एनालिस्ट के पद पर पहुंच गई मगर बिल्किस एधी ने कभी किसी से इसकी चर्चा नहीं की।

बिलकिस एधी की मौत के बाद जब राबिया बीबी ने लिंक्डिन पर एक भावात्मक पोस्ट शेयर की तब दुनिया को उस मसीहा के परोपकार की कहानी पता चली। राबिया बीबी ने ख़ुद को एक गर्वित एधी बेबी बताते हुए अपनी पोस्ट में लिखा था कि:

अट्ठाईस साल पहले मुझे कराची, पाकिस्तान में स्थित #EdhiOrphanage में एक बच्ची के झूले में छोड़ दिया गया था। आपने मुझे ढूंढ लिया, आपने मुझे अपनी मां राबिया बीबी के नाम पर रख दिया, आपने मेरी पहचान बनाई, फिर तुमने मुझे एक घर दिया। आज आपकी वजह से… मैं इतनी कुछ हूं, मेरी एक पहचान है, और मेरे अपने कहने के लिए प्यार करने वाले माता-पिता हैं। आपने महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, आप एक कार्यकर्ता, परोपकारी थीं। आपने मुझे नारी की शक्ति सिखाई है, हमेशा स्वयं के बारे में एक अटूट भावना रखना और महत्वाकांक्षी होना सिखाया है।

आपकी वजह से जन्म के समय अनाथ हुई एक पाकिस्तानी लड़की ने सपने देखने की हिम्मत की। आपकी वजह से मैं स्नातक स्तर की शिक्षा पूरी कर एक स्वतंत्र महिला हूं और दुनिया में अपना मक़ाम हासिल किया, आपने मुझे अवसर दिया। आपने मुझे सपने देखने का मौका दिया, और आपने मुझे आजादी दी।

दुनिया के लिए आप बिलकिस एधी थीं, लेकिन मेरे लिए आप बड़ी अम्मा थीं। आपका शुक्रिया, मेरे दो प्यार करने वाले माता-पिता थे, जिन्होंने सुनिश्चित किया कि मेरे पास वह सब कुछ है जो एक छोटी लड़की कभी मांग सकती थी। मैं एक बढ़िया हाई स्कूल में गई, बड़े कॉलेज में छात्रवृत्ति प्राप्त की, NYS असेंबली, ब्रोंक्स डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफ़िस, यूएस कांग्रेस, यूएस सीनेट में इंटर्नशिप की और साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता कानून में स्नातकोत्तर करने के लिए लॉ स्कूल गई।

आप में से उन लोगों के लिए जो पहली बार बिलकिस एधी के बारे में पढ़ रहे हैं… मैं चाहती हूं कि आप जानें कि वह मेरे लिए और पूरे पाकिस्तान के लिए कौन थीं। #BilquisEdhi एक हीरो थीं, आप इतने सारे अनाथ बच्चों (मेरे जैसे) की मां थीं और मानवता के लिए एक पावरहाउस थीं।

बड़े अब्बू (#AbdulSattarEdhi) को खोना सदमे से कम नहीं था, लेकिन आपके चले जाने के नुकसान ने मुझे आज फिर से अनाथ महसूस कराया है …

मेरा नाम राबिया बीबी उस्मान है, और मैं हमेशा एक गर्वित #एधी_बेबी रहूंगी।”

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