अरबपति एलन मस्क द्वारा शक्तिशाली सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म खरीदने के कुछ ही समय बाद ट्विटर की लीगल ऑफिसर और जनरल काउंसलर भारतीय मूल की विजया गाड्डे ने नीति और कानूनी टीमों के साथ एक आभासी बैठक बुलाई थी, जो इस बात पर चर्चा करने के लिए कि नए स्वामित्व का उनके लिए क्या मतलब हो सकता है ?

पोलिटिको (POLTICO) के मुताबिक विजया गाड्डे अपनी टीम को एलन मस्क के 44 बिलियन डॉलर के कंपनी के अधिग्रहण के बाद की पॉलिसीज को लेकर अपने विचार रखना चाहती थीं। इस मीटिंग में विजया गाड्डे ने कर्मचारियों को बताया कि ट्वविटर के मालिकाना हक़ के हस्तांतरण के शुरूआती छह महीनों तक तो उनकी नौकरियां सुरक्षित हैं, लेकिन इन 6 महीनों में दो भारतीय मूल के अधिकारीयों को परेशानी हो सकती है, एक वो स्वयं और दूसरे ट्विटर के CEO पराग अग्रवाल। इस मीटिंग में विजया गाड्डे भावुक होकर रोने लगीं।

इसके पीछे मूल वजह ये बताया जा रही है कि एलन मस्क ने विजया गाड्डे को उनके एक फैसले को लेकर तंज़ किया था, ये फैसला अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बेटे हंटर के लैपटॉप पर की गई एक Exclusive Story को सेंसर करने पर सुनाया था। ट्वीटर को खरीदने से काफी पहले से ही एलन मस्क ट्वीटर की पॉलिसीज और फैसलों पर बारीकी से नज़र रखे हुए था।

एक और मुख्य वजह ये रही कि पॉडकास्ट होस्ट सागर ऐंजेटी @Saagar Enjeti ने एक ट्वीट कर बताया था कि विजया गाड्डे एलन मस्क द्वारा ट्वीटर के टेकओवर से खुश नहीं है। सागर ऐंजेटी के उस ट्वीट का जवाब देते हुए एलन मस्क ने कहा था कि एक बड़ी समाचार संस्था द्वारा सही बात सामने रखने पर उसका ट्विटर एकाउंट ब्लॉक करना बहुत ही अनुचित कदम था।

विजया गाड्डे का जन्म भारत में एक तेलुगु परिवार में हुआ था और तीन साल की उम्र में वो अमेरिका चली गईं थीं । उनके पिता ने संयुक्त राज्य अमेरिका में स्नातक की पढ़ाई की, बाद में उनका परिवार ब्यूमोंट, टेक्सास चला गया था।

विजया गाड्डे और ट्वीटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ।

विजया गाड्डे ने सिलिकॉन वैली की कानूनी फर्म विल्सन सोन्सिनी गुडरिक एंड रोसाती में काम करते हुए लगभग एक दशक बिताया । वह सिलिकॉन वैली टेक्नोलॉजी फर्म जुनिपर नेटवर्क्स के कानूनी विभाग में वरिष्ठ निदेशक भी थीं।

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