The Guardian के अनुसार व्हॉट्सएप हर महीने 20 लाख अकाउंट को डिलीट कर रहा है, ये कदम फेक न्यूज को रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं, उसने हर महीने गलत कंटेंट शेयर करने वाले 20 लाख अकाउंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है।
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वॉट्सऐप के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मैट जोन्स ने बताया कि मशीन लर्निंग के जरिए उन अकाउंट को बैन किया गया, जिनसे लगातार गलत कंटेंट के अलावा एक बार में कई मैसेज भेजे जा रहे थे। कंपनी ने दावा किया है कि 20 लाख में से 70% अकाउंट एक महीने में ही बैन कर दिए गए और इन्हें बैन करने में किसी इंसान का हाथ नहीं, बल्कि मशीन लर्निंग सिस्टम था।
व्हॉट्सएप के दुनियाभर में 1.5 अरब से ज्यादा यूजर्स हैं जिसमें केवल भारत में ही 20 करोड़ यूजर्स हैं, इससे पहले व्हॉट्सएप ने मेसेज फॉरवर्ड करने की सीमा भी इसी फेक न्यूज़ के चलते 5 सीमित कर दी थी, जिसे बाद में दुनिया भर में लागू किया गया। इसके साथ ही व्हॉट्सएप ने ग्रुप में सदस्यों की संख्या भी 256 नियंत्रित कर दी गयी है।
ज्ञातव्य है कि भारत में व्हाट्सएप के ज़रिये अफवाहें फ़ैलाने के कारण कई बार मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं, और आंकड़ों के अनुसार 20 लोग व्हाट्सप्प से फैलाई गयी अफवाहों के चलते मॉब लिंचिंग का शिकार हुए।
इसलिए ये मॉब लिंचिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है, जहाँ से केंद्र और राज्य सरकारों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस तरह की अफवाहों और फेक न्यूस के प्रसार पर रोक के लिए क़दम उठाने के निर्देश भी जारी किये गए थे।
इसी फेक न्यूज को लेकर कुछ महीनों से सरकार और व्हॉट्सएप के बीच बातचीत चल रही थी, ये सारी कवायद उसी कारण से की जा रही है।
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