अपने मरीज़ों से केवल 5/- रु लेकर इलाज करने वाले चेन्नई के मशहूर डॉक्टर जयचंद्रन का देहांत हो गया। डॉ. एस जयचंद्रन को चेन्नई के लोग ‘5 रु डॉक्टर’ (5 rs. Doctor) के साथ-साथ ‘मक्कल मारुथुवर’ के नाम से जाना जाता है। कई लोग उन्हें ‘2 रु डॉक्टर’ (2 rs. Doctor) के नाम से भी जानते हैं, शुरुआती दिनों में डॉ. जयाचंद्रन अपने मरीज़ों से सिर्फ 25 पैसे लिया करते थे।

The Hindu की खबर के अनुसार उन्होंने 1970 में चेन्नई के ओल्ड वाशरमेनपेट से अपने पुराने घर अपने काम की शुरुआत की, बाद में अपने क्लिनिक को कासीमेडु में शिफ्ट कर लिया था। डॉ. जयचंद्रन के क्लीनिक के दरवाजे 24 घंटे मरीजों के लिए खुले रहे। बीते 43 साल से हर रोज सैकड़ों मरीज उनसे इलाज कराते रहे।

डॉ. एस. जयचंद्रन को अंतिम विदाई देने के लिए उनके निवास स्थान उत्तरी चेन्नई के वाशरमेनपेट में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है, वहां के लोगों के लिए वो किसी मसीहा से कम नहीं थे, 73 वर्षीय जयचंद्रन मद्रास मेडिकल कॉलेज से से पास आउट थे, 43 साल के अपने मेडिकल करियर में उन्होंने लगभग फ़्री में लोगों का इलाज़ किया।

वो फ़ीस के नाम पर मात्र 5/- रुपये लेते थे और मरीज़ों को दवाईयां भी अपनी जेब से ही ख़रीद कर दे देते थे, उनकी अंतिम विदाई के पोस्टर पूरे इलाके में लगाए गए हैं।

उनके एक और चाहने वाले एम.डी. दयालन ने बताया कि ‘वो अकसर बुजु़र्ग मरीज़ों को ऑटो-रिक्शा में वापस भेजते थे, जो उनके पास पैदल इलाज करावाने आते थे. जिन मरीज़ों के पास चप्पल नहीं होती थी, वो उन्हें फ़ुटवियर ख़रीदने के लिए पैसे भी दे देते थे।’

डॉ. जयचंद्रन ने अपने घर पर ही क्लीनिक बनाया था, उनकी पत्नी भी डॉक्टर हैं। वो अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं, उनके अंतिम संस्कार के लिए लोग उमड़ पड़े हैं. उनके घर का नज़ारा देखते हुए ऐसा लग रहा है जैसे पूरा चेन्नई उन्हें नम आंखों से विदा करने आया है।

डॉ जयचंद्रन को साल 2008 में नाइटहुड अवॉर्ड, 2012 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के अलावा 2005, 2006 और 2009 में डॉक्टर्स डे अवॉर्ड से नवाजा गया।

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